मारुति गुड़गांव प्लांट में 3 परमानेंट वर्करों की कोरोना से मौत, कंपनी पर बढ़ा शट डाउन का दबाव

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हरियाणा के गुड़गांव मानेसर औद्योगिक इलाक़े में कंपनियों में कोरोना से मज़दूरों की मौतों का सिलसिला बढ़ने से, लोगों में घबराहट का आलम है। वर्कर्स यूनिटी को पुष्ट सूत्रों से पता चला है कि गुड़गांव के मारुति प्लांट में अबतक तीन परमानेंट वर्करों की मौत कोरोना से हो चुकी है।

कुछ अन्य स्रोतों के अनुसार, मारुति गुड़गांव प्लांट में कोरोना से 24 अप्रैल तक चार मज़दूरों की मौत हो चुकी है और दर्जनों कोरोना पीड़ित हैं, फिर भी प्लांट को 90 प्रतिशत क्षमता पर चलाया जा रहा है।

पता चला है कि कोरोना से हो रही मौतों को लेकर मज़दूरों में बेचैनी है और ट्रेड यूनियन और मैनेजमेंट पर प्लांट को कुछ समय के लिए बंद करने का दबाव बढ़ रहा है। इस संबंध में यूनियन बॉडी और मैनेजमेंट के बीच कई दौर की बैठक भी हुई है।

मज़दूरों को लग रहा है कि अगर महामारी ने अपना और विकराल रूप दिखाया तो स्थिति और भयावह हो सकती है। ये बात मैनेजमेंट को पहुंचा दी गई है और संभव है कि बोर्ड की एक आपात मीटिंग बुलाई गई है जिसमें प्लांट को कुछ दिन के लिए बंद करने पर फैसला हो सकता है।

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मानेसर में मारुति की पॉवर ट्रेन कंपनी में कोरोना से दो मौतें हुई हैं, जिनमें एक मैनेजमेंट के अधिकारी का नाम शामिल है। दूसरी मौत एक नौजवान मज़दूर की 26 अप्रैल को हुई और इसे लेकर मज़दूरों में काफ़ी गम और गुस्सा है।

मारुति मानेसर कार प्लांट में अभी तक दो लोगों की मौत हो चुकी है और क़रीब दो दर्जन के आस पास कोरोना बीमारी से पीड़ित हैं। हालांकि दावा किया जा रहा है कि बीते दो सप्ताह में स्टाफ़ समेत क़रीब 10 लोगों की मौत हो चुकी है।

लेकिन यही हाल अन्य कंपनियों में भी है। सुज़ुकी बाइक में क़रीब 20 मज़दूर कोरोना पॉज़िटिव हैं तो मारुति के लिए ऑटो कंपोनेंट बनाने वाली कंपनी बेलसोनिका में 17 मज़दूर कोरोना पॉज़िटिव हैं।

एफ़एमआई कंपनी में 10 मज़दू कोरोना पॉज़िटिव हैं जिनमें एक मज़दूर की हालत बेहद गंभीर है। होंडा के एक कर्मचारी हरिकिशन (50) की ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हो गई है।

हिटाची कंपनी में दावा किया जा रहा है कि सैकड़ों मज़दूर कोरोना पॉज़िटिव हो गए हैं, फिर भी कंपनी में उत्पादन पूरे ज़ोरों पर चल रहा है। मुंजाल शोवा में भी आधे दर्जन मज़दूर बीमार बताए जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि देश की अग्रणी दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी होरी मोटोकार्प ने अपने प्लांट को 22 अप्रैल से एक मई तक बंद कर दिया है ताकि कोरोना से कर्मचारियों की ज़िंदगी को बचाया जा सके।

इसके बाद से ही मज़दूरों में अपने मैनेजमेंट पर कंपनी को फिलहाल स्वतः संज्ञान लेकर कुछ दिन के लिए बंद करने का दबाव बढ़ रहा है। हालांकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कई बार कह चुके हैं कि मज़दूरों को डरने की ज़रूरत नहीं, वे उत्पादन में लगे रहें।

बीते 16 अप्रैल को खट्टर ने कहा था कि ‘श्रमिकों से आग्रह है कि वे निश्चिंत होकर अपने कार्य में लगे रहें, किसी प्रकार से घबराने की जरूरत नहीं है। किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं आने दी जाएगी, हरियाणा सरकार आपके साथ खड़ी है।’

दिलचस्प ये है कि यही खट्टर अभी कुछ दिन पहले महामारी की गंभीरता को देखते हुए किसानों से बॉर्डर्स खाली करने को कहा था।

ट्रेड यूनियन एक्टिविस्ट श्यामबीर का कहना है कि मज़दूर वर्ग के  प्रति बेपरवाही का बीजेपी का रवैया खट्टर के बयान से ज़ाहिर है। बीजेपी की सरकार मज़दूरों की ज़िंदगी की चिंता नहीं है। ये क्या दिखाता है?

(स्पष्टीकरणः कंपनियों में मौतों का आंकड़ा 24 अप्रैल तक का है। और अपडेट आने पर स्टोरी को दुरुस्त किया जाएगा।)

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