मानेसर होंडा के 2 वर्करों की कोरोना से मौत, सुज़ुकी बाइक में एक मज़दूर ने दम तोड़ा, दूसरे की हालत गंभीर

हरियाणा केऑटो सेक्टर में कोरोना का कहर जोर पकड़ रहा है। बीते दो दिनों में मानेसर की दो कंपनियों होंडा और सुज़ुकी बाइक में दो वर्करों की मौत हो गई।

प्लांट के एक वर्कर ने नाम न ज़ाहिर करने की शर्त पर बताया कि बीते एक सप्ताह में होंडा के तीन वर्कर जान गवां चुके हैं, जिनमें एक की मौत हर्ट अटैक से हुई बताई जाती है।

सुज़ुकी बाइक के एक वर्कर ने हमें बताया कि परमानेंट वर्कर दीपक प्रसाद बीते एक हफ़्ते से कोरोना पॉज़िटिव थे और हालत गंभीर होने पर दिल्ली के ही एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

सुज़ुकी बाइक के ही एक अन्य परमानेंट वर्कर को सांस लेने में दिक्कत हुई तो उसे भी सोमवार को दिल्ली के ही एक अस्पताल में भर्ती  कराया गया है, हालांकि अब उसकी हालत में सुधार होता दिख रहा है।

मानेसर के होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर्स प्राइवेट लि. में काम करने वाले परमानेंट वर्कर राजेंद्र प्रसाद बराई कोरोना से पीड़ित थे और एक हफ़्ते से कोरोना बीमारी से उबरने की कोशिश कर रहे  थे।

उनके साथ काम कर चुके होंडा के पूर्व वर्कर बलराम महेश्वरी ने बताया कि कोरोना पॉज़िटिव होने के बाद उन्हें गुरुग्राम के बालाजी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था लेकिन मंगलवार को वहां ऑक्सीजन की कमी के कारण उन्होंने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया।

दो दिन पहले होंडा के एक अन्य वर्कर हरिकृष्ण की कोरोना से मौत हो गई थी। वो प्लांट के मेंटिनेंस डिपार्टमेंट में काम करते थे। होंडा में ही काम करने वाले जोगिंदर सिंह की भी मौत हुई है लेकिन कहा जा रहा है, उनकी मौत का कारण हर्ट अटैक था।

honda casual workers @Workersunity

वर्करों में दहशत का माहौल

प्लांट में लगातार हो रही मौतों से वर्करों में दहशत का माहौल है। एक वर्कर ने नाम न ज़ाहिर करने की शर्त पर बताया कि पिछले सप्ताह कंपनी में 35 वर्कर कोरोना पॉज़िटिव पाए गए थे, लेकिन ये नहीं पता चला कि उनमें से कितनों की हालत गंभीर है।

उन्होंने बताया कि ड्यूटी के समय सुबह सारे वर्करों से सोशल डिस्टेंसिंग, सावधानी, मास्क पहनने की अपील के साथ सुपरवाइज़र कहते हैं कि किसी को भी लगता है कि उसे कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं, वो छुट्टी ले सकता है। लेकिन प्लांट में पूरी क्षमता के साथ उत्पादन हो रहा है।

जिन वर्करों की जान गई है वे सभी कंपनी में 10-10, 15-15 साल से काम कर रहे थे। कैजुअल या टेंपरेरी वर्करों के बारे में तो कुछ भी पता नहीं कि उनके क्या हाल हैं।

होंडा प्लांट से जुड़े एक अन्य वर्कर ने भी नाम न ज़ाहिर करने की शर्त पर बताया कि यूनियन की ओर से बढ़ते कोरोना मामलों को लेकर अभी तक कोई बात नहीं आई है। ना ही मैनेजमेंट किसी तरह से फौरी तौर पर कंपनी के शटडाउन को लेकर सोच रहा है। मौतें हो रही हैं लेकिन कंपनी में काम बदस्तूर जारी है।

इस वर्कर ने कहा कि ‘जब परमानेंट वर्करों की जान की कोई क़ीमत नहीं है तो कैजुअल वर्करों की कौन पूछेगा। कंपनी भले ही हेल्थ इंश्योरेंस के मार्फ़त इलाज की सुविधा देने की बात करती हो लेकिन जब अस्पतालों में ऑक्सीजन ही नहीं होगा तो इंश्योरेंस खुद वर्कर की जान तो नहीं बचा पाएगा।’

उनका कहना था कि फैक्ट्री में काम करना मज़दूर की मज़बूरी है, उसे घर भी चलाना है, बच्चों को पढ़ाना भी है, दवा इलाज़ की भी व्यवस्था करनी है। इसलिए वो अपनी जान हथेली पर लेकर ड्यूटी पर जा रहा है। अब गुड़गांव में न तो अस्पताल में जगह है न श्मशान में। ऐसे में ख़तरा लगातार बढ़ रहा है।

थोड़ा तल्ख होकर वो कहते हैं कि ‘जब कुछ नहीं था तो कंपनी ने लॉकडाउन कर दिया अब जब इतनी मौतें हो रही हैं, तो कंपनी सोशल डिस्टेंसिंग करवा रही है। लगता है कि हमेशा हमेशा के लिए ही डिस्टेंसिंग करवा कर कंपनी छोड़ेगी। मितरों मितरों करके ये पितरों से मिलवा देंगे।’

उधर, मारुति के गुड़गांव प्लांट में तीन परमानेंट वर्करों की कोरोना से मौत के बाद यूनियन और मैनेजमेंट पर अस्थाई तौर पर प्लांट के शटडाउन का दबाव बढ़ गया है।

उल्लेखनीय है कि देश की अग्रणी दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी होरी मोटोकार्प ने अपने प्लांट को 22 अप्रैल से एक मई तक बंद कर दिया है ताकि कोरोना से कर्मचारियों की ज़िंदगी को बचाया जा सके।

इसके बाद से ही मज़दूरों में अपने मैनेजमेंट पर कंपनी को फिलहाल स्वतः संज्ञान लेकर कुछ दिन के लिए बंद करने का दबाव बढ़ रहा है। हालांकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कई बार कह चुके हैं कि मज़दूरों को डरने की ज़रूरत नहीं, वे उत्पादन में लगे रहें।

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सरकारों की उलटबांसी

बीते 16 अप्रैल को खट्टर ने कहा था कि ‘श्रमिकों से आग्रह है कि वे निश्चिंत होकर अपने कार्य में लगे रहें, किसी प्रकार से घबराने की जरूरत नहीं है। किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं आने दी जाएगी, हरियाणा सरकार आपके साथ खड़ी है।’

दिलचस्प ये है कि यही खट्टर अभी कुछ दिन पहले महामारी की गंभीरता को देखते हुए किसानों से बॉर्डर्स खाली करने को कहा था।

सोशल मीडिया पर पीएम मोदी और बीजेपी सरकार के मिसमैनेजमेंट पर बहुत तल्ख़ टिप्पणियां आ रही हैं। कहा जा रहा है कि पांच राज्यों में चुनाव के लिए कोरोना के हालात को पीएम मोदी ने बिगड़ने दिया। सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के तरह तरह के कार्टून और मीम्स बनाए जा रहे हैं जिसमें दिखाया गया है कि पश्चिम बंगाल में मोदी और अमित शाह बिना मास्क के हज़ारों की रैली की और जब वीडियो कांफ्रेंसिंग से मीटिंग करने पहुंचे तो मास्क लगा लिया।

विदेशी मीडिया में भी मोदी की काफ़ी लानत मलानत की जा रही है। ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार ने भारत में कोरोना सुनामी लाने के लिए भारतीय पीएम नरेंद्र दामोदर दास मोदी को सीधे ज़िम्मेदार ठहरा दिया। इसके बाद मोदी सरकार ने उसे क़ानूनी नोटिस भेज दिया है।

यही हाल यूपी में है जहां लखनऊ में लाखों को दाहसंस्कार के लिए कई कई घंटे इंतज़ार करना पड़ रहा है। वहां के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि  यहां ऑक्सीजन और दवाओं की कोई कमी नहीं है, अगर किसी ने कहा तो उस पर कार्यवाही की जाएगी।

इन सबके वाबजूद हालात बदल नहीं रहे हैं और बीजेपी सरकारें और पीएम मोदी की छवि को ऐसा धक्का लगा है कि उससे संभलना मुश्किल ही लगता है।

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