फसल खरीद के नियम FCI ने और सख़्त किए, किसान मोर्चे ने कहा- MSP ख़त्म करने की साज़िश

FCI procurement Farmer

किसानों की फसल खरीद में सख़्त नियम लाने के भारतीय खाद्य निगम (एफ़सीआई) के कदम की संयुक्त किसान मोर्चा ने   निंदा की है और कहा है कि यह पहले से ही किए गए खरीद के कई दशकों के कामों को गलत बताता है।

मोर्चे ने बयान जारी कर कहा है कि गेहूं में, FCI ने नया नियम बनाया है कि नमी सामग्री को 14% से 12% तक लाया जाएगा, फॉरेन मैटर 0.75% से 0.50% तक होगा, कम क्षतिग्रस्त अनाज 4% से 2% तक किया जाएगा, और सिकुड़े अनाज को 6% से 4% अनाज माना।

केंद्रीय पूल के तहत खरीद के लिए खाद्यान्न की समान विशिष्टताओं के प्रस्तावों में यह भी उल्लेख किया गया है कि अब से गेहूं में अन्य खाद्यान्नों की व्यापकता नहीं हो सकती है, जबकि इससे पहले 2% तक की अनुमति दी गई थी। इसके अलावा, कोई भी संक्रमित अनाज अब नहीं खरीदा जाएगा।

इसके साथ साथ, एफसीआई खरीदे गए अनाज की कीमत का डीबीटी भुगतान करने के लिए ज़मीन के कागज़ात का लेखा जोखा मांग रहा है, पूरी तरह से अच्छी तरह से जानते हुए कि कई मामलों में वास्तविक खेती जमीन मालिकों से अलग है, FCI का यह कदम तर्कहीन व निंदनीय है।

गुरुवार को पंजाब की 32 किसान संगठनों की बैठक में निर्णय लिया गया कि पंजाब का कोई भी किसान लैंड रिकॉर्ड संबंधित काग़जात जमा नहीं करेंगे। पंजाब के किसान संगठनों ने हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान व अन्य राज्यों के किसानों से अपील की कि वे भी रिकॉर्ड जमा न करवाये। इस संबंध में कल सभी मंडियों में मंडी सचिव के मार्फ़त प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा एफसीआई के इन कदमों को चल रहे आंदोलन और पंजाब पर हमला मानता है, जो संघर्ष में सबसे आगे है। किसान नेताओं ने कहा, “पंजाब और हरियाणा के किसान एफसीआई के इन कदमों का जोरदार तरीके से विरोध करेंगे और इसके लिए रणनीति बनाएंगे।”

FCI के बदले हुए खरीद मानदंडों और विशिष्टताओं के प्रति अपना विरोध व्यक्त करने के अलावा, सयुंक्त किसान मोर्चा शुक्रवार को मुजारा लहर शहादत दिवस मनाएगा, जो पूरे भारत में बटाईदार किसानों के अधिकारों की दुर्दशा और हालात को उजागर करेगा।

जय किसान आन्दोलन द्वारा गुरुवार को एक “एमएसपी लूट कैलकुलेटर” जारी किया गया, जिसमें दिखाया गया है कि किसानों को महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में चन्ना / बंगालग्राम के लिए विभिन्न बाजारों में सरकार द्वारा घोषित किये गए एमएसपी की तुलना में काफी कम कीमत मिल रही है।

इसमें दावा किया गया है कि मार्च के पहले पखवाड़े में सिर्फ एक फसल में किसानों से लगभग 140 करोड़ रुपये लूटे गए हैं। जय किसान आंदोलन द्वारा किये विवरण में गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में पिछले तीन वर्षों के औसत की तुलना में एक महत्वपूर्ण गिरावट देखने को मिलती है।

वर्तमान आंदोलन में शहीद किसानों के लिए सिंघू बॉर्डर पर एक स्मारक बनाने के लिए, “मिट्टी सत्याग्रह यात्रा” विभिन्न हिस्सों से मिट्टी इकट्ठा करने के लिए देश भर में यात्रा के रूप में वाराणसी पहुंची है। आंदोलन में अब तक 300 से अधिक किसानों को अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी है, जबकि सरकार प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों को लेकर अड़ी हुई है।

उत्तर प्रदेश के एटा जिले के नयावा में गुरुवार को एक महापंचायत का आयोजन किया गया। बिहार के पटना में भी गुरुवार को एक किसान मजदूर महापंचायत का आयोजन किया गया। जनसभा में भारी भागीदारी देखने को मिली।

उत्तराखंड में शुरू हुई किसान मजदूर जागृति यात्रा उत्तर प्रदेश के एटा जिले के अलीगंज पहुंच गई है। यात्रा को पूरे मार्ग में स्थानीय जनता से गर्मजोशी से प्रतिक्रिया मिल रही है।

गुरुवार को मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में संयुक्त किसान मोर्चा के घटक दलों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। मुख्य मांग थी कि सभी किसानों का पंजीयन कर एमएसपी पर खरीद करना सरकार की जिम्मेदारी है व सरकार उसे निभाये।

आंध्र प्रदेश में, 26 मार्च को भारत बंद और एसकेएम के अन्य कार्यक्रमों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) राज्य समिति के द्वारा विजयनगरम में एक राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया।

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