खाप की चेतावनी, 26 जनवरी को एक लाख ट्रैक्टर लेकर दिल्ली में घुसेंगे किसान

farmeras at tractors

यूपी गेट पर देश खाप ने सरकार को चेतावनी दी। कहा कि यदि सरकार तीनों कानून वापस लेकर मांगों को नहीं मानती है तो फिर 26 जनवरी को दिल्ली में किसान एक लाख ट्रैक्टरों के साथ परेड करेंगे। 26 की परेड में जवानों और किसानों को पूरा देश एक साथ देखेगा।

खाप के नेता सुरेंद्र ने कहा कि वह जिस खाप का नेतृत्व करते हैं, वहां पर शोषण का प्रवेश निषेद्य है। उन्होंने कहा कि सरकार जब अपनी जिद पर है तो किसान भी सड़कों पर आंदोलन में बैठा है।

आंदोलन में पहुंचे खाप के थांबेदार रामकुमार ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को मानने में जितनी देर कर रही है, उसका उतना ही नुकसान होगा। आंदोलन पर बैठा किसान दो-तीन साल तक भी सड़क से नहीं उठेगा।

भाकियू युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर मार्च जैसा ट्रेलर पूरी दुनिया में कभी किसी ने नहीं देखा होगा।

किसानों को पता चला गया है कि दिल्ली अब कब्जे में कैसे आएगी, दिल्ली की नस तो यह पेरिफेरल है और किसान ट्रेलर में यह सीख गया है कि जब भी सरकार की नब्ज दबानी होगी तो पेरिफेरल घेर लो।

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जब महेंद्र सिंह टिकैत 350 बार जेल जा सकते हैं तो वह भी सरकार के साथ 350 बार वार्ता कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार अगर किसानों को एक-एक किलो सोना भी देेगी तो भी किसान मानने वाला नहीं है।

देश का किसान सिर्फ तीनों कानूनों को वापस होने पर ही मानेगा। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन वैचारिक क्रांति है। इसमें जैसे-जैसे दिन गुजर रहे हैं वैसे ही किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है।

मेधा पाटकर भी पहुंची यूपी गेट

यूपी गेट पर समाजसेवी मेधा पाटकर ने कहा कि किसान आंदोलन अब सिर्फ यूपी, पंजाब और उत्तराखंड का नहीं रहा बल्कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की आवाज देशभर से आ रही है।

एआईटीयूसी ने किसानों के समर्थन में मार्च निकाला

आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, पंजाब की राज्य समिति ने षनिवार को किसानों के समर्थन में सिंघु बाॅर्डर पर मार्च निकाला। मार्च में निर्माण और सेवा क्षेत्र के अलावा अन्य सेक्टरों के हजारों वर्करों ने हिस्सा लिया।

मार्च का नेत्रत्व आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की महासचिव अमरजीत कौर, रास्ट्रीय सचिव विदयासागर गिरि , पंजाब इकाई के अध्यक्ष बंत सिंह बरार और महासचिव निर्मल सिंह धालीवाल समेत अन्य नेताओं ने किया।

मार्च में भारी तादाद में युवा वर्करों और महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने अपने हाथों में पोस्टर लेकर किसान आंदोलन के प्रति अपनी एकजुटता जाहिर की।

बाद में सिंघु बाॅर्डर के मंच से समिति के नेताओं ने आंदोलन में भाग ले रहे किसानों को संबोधित किया और कहा कि वे इस ऐतिहासिक आंदोलन में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खडे हैं।

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