बारिश में हुए किसानों के नुकसान की ज़िम्मेदारी मोदी सरकार लेः संयुक्त किसान मोर्चा

https://www.workersunity.com/wp-content/uploads/2021/05/farmers-during-rain-in-delhi-1.jpg

बुधवार की सुबह से ताउते तूफ़ान की वजह से राजधानी में पूरे दिन लगातार बारिश होने ले घरना लगाए किसानों की परेशानी बढ़ गई। कैंपों में पानी घुस गया और किसानों के ज़रूरी सामान भीग गए।

संयुक्त मोर्चे ने कहा है कि सुबह से ही भारी बारिश से दिल्ली मोर्चो में भारी नुकसान हो रहा है। किसानों के लंगर व रहने के प्रबंधन में अव्यवस्था आयी है। सड़कों व ढलान वाली जगहों पर पानी भर गया है।

किसान सिंघु, टीकरी और गाज़ीपुर बॉर्डर पर बिना रुके हो रही बारिश से बचने और अपने सामान बचाने की कोशिश करते नज़र आए।

https://www.workersunity.com/wp-content/uploads/2021/05/farmers-during-rain-in-delhi.jpg

हालांकि 24 घंटे बाद गुरुवार को बारिश थमी है और किसान वालंटियरों ने सड़कों की सफ़ाई शुरू कर दी है। बारिश का असर जितना ज्यादा है, उतना ही बड़ा किसानों का हौसला नज़र आता है। उपलब्ध संसाधनों की मदद से स्थिति को संभाला जा रहा है। सरकार की तरफ से कोई प्रबंध नहीं होने से किसान खुद ही इन हालातों से लड़ रहे हैं।

कैंप में पानी घुस आने से परेशान किसान अपने सामानों क सुरक्षित रखने की कोशिश में लगे हैं और पानी को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

धरना स्थल पर कीचड़ को हटाने के लिए वालंटियर लगाए गए हैं जो समूह में सड़कों की सफ़ाई कर रहे हैं।

https://www.workersunity.com/wp-content/uploads/2021/05/farmers-during-rain-in-delhi-2.jpg

इतने लंबे समय से लड़ रहे संघर्ष में किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को रखा है। सरकार ने किसानों को बदनाम करने की तमाम कोशिशें की परंतु असफल रही। देश मे किसी फसल या राज्य में उत्पादन या निर्यात बढ़ने का पूरा श्रेय सरकार लेती है।

मोर्चे ने एक बयान जारी कर कहा है कि किसानों के कल्याण का दिखावा करने वाली सरकार आज दिल्ली की सीमाओं पर हो रहे हर मानवीय और अन्य नुकसान की भी जिम्मेदारी ले। भाजपा का यह दोगला चरित्र अब सबने सामने आ गया है।

https://www.workersunity.com/wp-content/uploads/2021/05/farmers-during-rain-in-delhi-3.jpg

किसान आंदोलन में अब तक 470 से ज्यादा किसान शहीद हो गए हैं। अनेक आंदोलनकारियो को अपनी नौकरी, पढ़ाई व काम छोड़ने पड़े हैं। इन सबके बावजूद सरकार का ऐसा रवैया यह बताता है कि सरकार कितनी अमानवीय है व बेफिक्र है। सरकार अगर अपने नागरिको की फिक्र करती है व उनका कल्याण चाहती है तो किसानों से बातचीत शुरू कर उनकी मांगें मान लेनी चाहिए।

उधर, मध्यप्रदेश में केंद्रीय कृषि मंत्री का घेराव किए जाने के दूसरे दिन हरियाणा के हिसार में किसानों ने मय्यड़ टोल प्लाजा पर बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग की गाड़ी रोककर घेराव किया और माफी मांगवा कर ही जाने दिया।

इस घटना का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि विधायक से दोनों हाथ जुड़वा कर माफी मंगवाई गयी और माफी मांगने के बाद ही विधायक को वहां से जाने दिया।

तीन दिन पहले ही हरियाणा में सीएम खट्टर के एक प्रोग्राम को रोकने पहुंचने किसानों पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया था जिसके विरोध में किसानों ने टोल प्लाज़ा पर धरना दिया और सड़कें रोकीं।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.