नोएडा में चिल्ला बॉर्डर पर मजबूती से बंधने लगे तंबू, मोहाली से आई टीम

chilla border Farmers protest

नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर यूपी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों का आंदोलन अब धीरे-धीरे तेज होता जा रहा है।

सोमवार को चिल्ला बॉर्डर पर धरनारत किसान तंबू उखाड़ कर दोबारा मजबूती से बांधते दिखाई दिए।

किसानों की इस तरह की गतिविधि से साफ है कि अपनी मांगों के माने जाने तक वह पीछे हटने मूड में नहीं हैं। मोहाली से भी किसानों की एक टीम आई है, जो कि तंबुओं को उखाड़कर दोबारा मजबूती से बांध रही है।

नए कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर किसान लगभग एक महीने से प्रर्दशन कर रहे हैं। 26 नवंबर को पंजाब और हरियाणा से हजारों की संख्या में सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पहुंचे थे। तब से अभी तक किसान यहां डटे हुए हैं।

 

गौरतलब है कि किसान रामलीला मैदान में इकटठा होकर एक बडी रैली करना चाहते थे, इसके बाद उनका इरादा जंतर मंतर पर प्रदर्षन करने का था लेकिन सरकार ने किसानों के तेवर देखकर कोरोना के नाम पर उन्हें रामलीला मैदान में रैली की इजाजत नहीं दी।

यही नहीं दो तीन दिनों तक किसानों को दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर रोका गया और उन्हें दिल्ली की सीमा के अंदर नहीं आने दिया गया।

इसके बाद किसानों ने देष की राजधानी की अलग अलग सीमाओं पर ही डटे हुए हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने धमकाने के अंदाज में किसानों से सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर जुटे किसानों को बुराडी के निरंकारी मैदान में इकटठा होने की अपील की थी जिससे किसानों ने इंकार कर दिया था।

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