दिल्ली हिंसा के बाद 400 से ज्यादा युवा और बुजुर्ग किसान हैं लापता

farmers protest

किसान परेड के दौरान 26 जनवरी को लाल किला और दिल्ली के विभिन्न इलाकों में हिंसा के दौरान किसानों के लापता होने का मामला पंजाब में सियासी तौर पर गरमाने लगा है।

सूबे के किसान संगठनों और धार्मिक संगठनों ने 400 से अधिक किसानों व नौजवानों के लापता होने का आरोप लगाया है और इस संबंध में दिल्ली पुलिस पर उंगली उठाई जा रही है।

पंजाब से जुड़े कई किसान संगठनों और धार्मिक संगठनों ने आरोप लगाया है कि दिल्ली हिंसा के दौरान 400 से ज्यादा युवा और बुजुर्ग किसान लापता हैं।

अमृतसर के खालड़ा मिशन ने आरोप लगाया है कि गायब हुए सभी लोग दिल्ली पुलिस की अवैध हिरासत में हैं। मिशन ने इस मामले में सोमवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है।

पंजाब के मानवाधिकार संगठन के जांच अधिकारी सरबजीत सिंह वेरका ने  दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति को बिना किसी केस के ज्यादा समय तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता है, इसलिए पकड़े गए लोगों के बारे में पुलिस जानकारी दे। उन्होंने कहा कि इस मामले को दिल्ली हाईकोर्ट ले जाने की भी पूरी तैयारी कर ली गई है।

लापता लोगों की तलाश में वकील भी जुटे

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के वकील हाकम सिंह का कहना है कि पंजाब के 80-90 नौजवान 26 जनवरी को सिंघु और टिकरी बॉर्डर गए थे। हिंसा की घटना के बाद वे सभी नौजवान किसान अब तक अपने शिविरों में नहीं लौटे हैं।

वकीलों का एक ग्रुप उन्हें ढूंढने की कोशिश में जुटा है और इसके लिए हम पुलिस, किसान संगठनों और अस्पतालों के संपर्क में हैं।

मोगा के 11 नौजवान तिहाड़ में बंद : सिरसा

दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान लापता हुए मोगा जिले के 11 नौजवान दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं, जिन्हें नांगलोई थाने के तहत गिरफ्तार किया गया था।

यह आरोप शनिवार को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लाइव बयान में लगाया। उन्होंने बताया कि 26 जनवरी के बाद लापता नौजवानों के फोटो लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड को लेकर आरोपी बनाए गए किसानों के लिए डीएसजीएमसी कानूनी लड़ाई लड़ेगी।

मोगा के इन 12 किसानों की हो रही है तलाश

मोगा के एक गांव के 12 किसानों की तलाश की जा रही है, जो 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के बाद से लापता हैं। संबंधित ग्राम पंचायत ने लापता किसानों के फोटो व पहचान जारी की है। इन किसानों के नाम अमृतपाल सिंह, गुरप्रीत सिंह, दलजिंदर सिंह, जगदीप सिंह, जगदीश सिंह, नवदीप सिंह, बलवीर सिंह, भाग सिंह, हरजिंदर सिंह, रणजीत सिंह, रमनदीप सिंह और जसवंत सिंह हैं।

 

किसानों की सुरक्षा के लिए पंजाब पुलिस की हो तैनाती : बाजवा

राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर लापता लोगों का मामला केंद्र के समक्ष उठाने की मांग की है।

शनिवार को लिखे पत्र में बाजवा ने कहा कि खबर मिली है कि दिल्ली में 26 जनवरी को हुई घटनाओं के बाद से राज्य के 100 से अधिक किसान लापता हैं।

इनके बारे में उनके परिवारों को अब तक कोई जानकारी नहीं मिल रही है। राज्य के संरक्षक के रूप में आपसे आग्रह है कि इन किसानों का पता लगाने और उनके परिवारों में उनकी वापसी सुनिश्चित करने के लिए पंजाब सरकार उपलब्ध सभी संसाधनों का उपयोग करे।

बाजवा ने सिंघु बार्डर पर शुक्रवार को किसानों के खिलाफ कुछ धड़ों द्वारा की गई हिंसा का हवाला देते हुए लिखा कि यह स्पष्ट है कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हमारे किसानों को विभिन्न धड़ों से खतरा पैदा हो गया है।

बाजवा ने मुख्यमंत्री से यह भी मांग की है कि किसानों की हिफाजत के लिए पंजाब पुलिस के जवानों को तैनात किया जाए।

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