मोदी की कार के पास बीजेपी के ही लोग पहुंचे थेः संयुक्त किसान मोर्चा

https://www.workersunity.com/wp-content/uploads/2022/01/Naredra-modi-in-Punjab.jpg

संयुक्त किसान मोर्चे ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा में बीजेपी के ही लोगों ने बाधा डालने की कोशिश की थी और प्रदर्शनकारी किसानों का ऐसा कोई इरादा नहीं था।

मोर्चे ने एक बयान जारी कर कहा है कि मोदी द्वारा 5 जनवरी को प्रस्तावित पंजाब के दौरे की खबर मिलने पर संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े 10 किसान संगठनों ने अजय मिश्र टेनी की गिरिफ्तारी और अन्य बकाया मांगो को लेकर उनका प्रतीकात्मक विरोध करने का ऐलान किया था।

बयान के अनुसार, इस उद्देश्य से 2 जनवरी को पूरे पंजाब में गांव स्तर पर और 5 जनवरी को जिला और तहसील मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन और पुतला दहन के कार्यक्रम घोषित किए गए थे। प्रधानमंत्री की यात्रा रोकने या उनके कार्यक्रम में अड़चन डालने का कोई कार्यक्रम नहीं था। पीएम मोदी की गाड़ी के पास भाजपा वाले ही पहुंचे थे, उन्होंने ही नारे लगाए पर सवाल उन किसानों से पूछा जा रहा है जो एक किलोमीटर दूर बैठे थे।

मोर्चे ने कहा कि मोदी की यात्रा के दिन पूरे पंजाब में किसानों ने विरोध प्रदर्शन आयोजित कर रखा था, “पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 5 जनवरी को पंजाब के हर जिले और तहसील मुख्यालय पर शांतिपूर्ण विरोध किया गया। जब पुलिस प्रशासन द्वारा कुछ किसानों को फिरोजपुर जिला मुख्यालय जाने से रोका गया तो उन्होंने कई जगह सड़क पर बैठ कर इसका विरोध किया।”

किसान नेता राकेश टिकैत ने बीच में ही यात्रा रोकने और फिर वापस लौटने को स्टंट करार दिया है। उन्होंने मीडिया को दिए बयान में कहा कि ‘इस तरह से कहना कि ज़िंदा बच कर आए हैं, इससे लग रहा है कि ये पूरी तरह से स्टंट था। सहानुभूति बटोरने का सस्ता ज़रिया ढूंढने की कोशिश की गई है।’

जिस फ्लाईओवर पर मोदी के काफिले को रोकने का आरोप लगाया जा रहा है, किसान संगठनों को पीएम के रूट की जानकारी नहीं थी।

मोर्चे का कहना है कि प्यारेयाणा का वह फ्लाईओवर जहां प्रधानमंत्री का काफिला आया, रुका और वापस चला गया, वहां के प्रदर्शनकारी किसानों को इसकी कोई पुख्ता सूचना नहीं थी कि प्रधानमंत्री का काफिला वहां से गुजरने वाला है। उन्हें तो प्रधानमंत्री के वापिस जाने के बाद मीडिया से यह सूचना मिली।

बयान में एक वीडियो का हवाला दिया गया है जिसमें मोदी के काफ़िले के करीब बीजेपी का झंडा लिए लोग दिखाई दे रहे हैं।

मोर्चे के अनुसार,  मौके की वीडियो से यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रदर्शनकारी किसानों ने प्रधानमंत्री के काफिले की तरफ जाने की कोई कोशिश तक नहीं की। बीजेपी का झंडा उठाए “नरेंद्र मोदी जिंदाबाद” बोलने वाला एक समूह ही उस काफिले के नजदीक पहुंचा था। इसलिए प्रधानमंत्री की जान को खतरा होने की बात बिल्कुल मनगढ़ंत लगती है।

संयुक्त किसान मोर्चे ने कहा है कि यह बहुत अफसोस की बात है कि अपनी रैली की विफलता को ढकने के लिए प्रधानमंत्री ने “किसी तरह जान बची” का बहाना लगाकर पंजाब प्रदेश और किसान आंदोलन दोनों को बदनाम करने की कोशिश की है।

बयान में कहा गया है कि सारा देश जानता है कि अगर जान को खतरा है तो वह किसानों को अजय मिश्र टेनी जैसे अपराधियों के मंत्री बनकर छुट्टा घूमने से है। संयुक्त किसान मोर्चा देश के प्रधानमंत्री से यह उम्मीद करता है कि वह अपने पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए ऐसे गैर जिम्मेदार बयान नहीं देंगे।

उल्लेखनीय है कि मोदी की यात्रा में सुरक्षा चूक को लेकर किसान प्रदर्शनकारियों पर एफ़आईआर दर्ज किए जाने की सूचना है।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.