क्या 10 मार्च को हरियाणा की खट्टर सरकार गिर जाएगी?

khattar dushyant chautala

पंजाब में बीजेपी के नेताओं के घरों पर बीते छह महीने से धरना लगाए किसान मोर्चे के निशाने पर अब हरियाणा की बीजेपी सरकार आ गई है।

10 मार्च को हरियाणा विधानसभा में बीजेपीऔर जेजेपी  की गठबंधन सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चे ने लोगों से आह्वान किया है कि पंजाब की तरह ही बीजेपी और जेजेपी विधायकों का घेराव कर उनसे खट्टर-दुष्यंत चौटाला की सरकार के ख़िलाफ़ वोट करने का दबाव बनाएं।

संयुक्त किसान मोर्चे के संयोजक डॉ. दर्शन पाल ने 10 फ़रवरी को ही कहा था कि हरियाणा की खट्टर सरकार पर दबाव बढ़ाया जाएगा। 12 फ़रवरी को जब हरियाणा के बहादुरगढ़ में दलाल खाप पंचायत ने किसान महापंचायत का आयोजन किया तो डॉ. दर्शनपाल ने वहां भी बीजेपी और जेजेपी विधायकों का घेराव करने की बात कही थी।

असल में जेजेपी मुखिया और हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने किसान आंदोलन के मसले पर खुलकर अभी तक कुछ नहीं बोला है। कहा जा रहा है कि उनके विधायकों में भी इसे लेकर बेचैनी है क्योंकि जैसे जैसे किसान आंदोलन हरियाणा में पैठ बनाने लगा था, अभी नई नवेली पार्टी के विधायकों को अपनी ज़मीन खिसकती नज़र आ रही है।

हरियाणा में जेजेपी पर भारी दबाव है कि वो सरकार से अलग हो जाए और खट्टर सरकार को गिर जाने दे। किसान नेता अपनी बदली हुई रणनीति में बीजेपी को राजनीतिक चोट पहुंचाना चाहते हैं और अगर ऐसा होता है तो क़रीब पहुंच गए पश्चिम बंगाल चुनावों पर इसका असर पड़ सकता है।

बीजेपी-जेजेपी के विधायक घेरो- मोर्चे की अपील

वैसे भी किसान संयुक्त मोर्चे ने पश्चिम बंगाल में किसान महापंचायत करने का ऐलान कर दिया है, जहां चुनाव प्रचार जोर शोर से चल रहा है और बीजेपी ने अपनी पूरी ताक़त झोंक दी है।

संयुक्त किसान मोर्चे ने एक बयान जारी कर कहा है कि हरियाणा विधानसभा में 10 मार्च को मनोहर लाल खट्टर की बीजेपी-जेजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जा रहा है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के सभी लोगों से यह अपील की है कि वो बड़ी संख्या में इकट्ठे होकर सभी विधायकों (खासकर बीजेपी और जेजेपी के विधायकों) के पास जाए और उनसे अपील करें कि वो अविश्वास प्रस्ताव में किसान विरोधी बीजेपी-जेजेपी सरकार के खिलाफ वोट डालें।

मोर्चे ने कहा है कि हरियाणा के सभी विधायकों को यह संदेश देने की जरूरत है कि जो विधायक किसान आंदोलन के इस निर्णायक समय में किसानों के साथ खड़ा नहीं होगा, उस विधायक को जनता आने वाले समय में सबक सिखाएगी।

गौरतलब है कि हरियाणा के मंत्री जेपी दलाल के एक बयान पर संयुक्त मोर्चा पहले ही खासी नाराज़गी जता चुका है। दलाल ने कहा था कि धरने पर बैठे किसान वैसे भी घर पर मरते। हालांकि बाद में इसके लिए उन्होंने माफ़ी मांग ली थी लेकिन इसका राजनीतिक नुकसान काफ़ी हुआ।

खट्टर-दुष्यंत चौटाला से भारी नाराजगी

जब किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे थे तो खट्टर सरकार ने हाईवे के बीच खाई खुदवा दी थी और बड़े कैंटर, ट्रक, बोल्डर लाकर खड़ा कर दिया था लेकिन किसान उसे पार कर दिल्ली बॉर्डर तक पहुंच गए। इस बात को भी लेकर किसानों में खट्टर सरकार को लेकर खासी नाराजगी है।

एक महीना पहले मनोहर लाल खट्टर करनाल में कृषि क़ानूनों के बारे में किसानों को समझाने के लिए एक संवाद रैली करने वाले थे लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने पूरे पंडाल और हेलीपैड पर कब्ज़ा कर लिया था और खट्टर को बैरंग वापस लौटना पड़ा।

हरियाणा के लोग सबसे अधिक दुष्यंत चौटाला से निराश हैं, जो बीते चुनावों में युवा दिलों की धड़कन की छवि के साथ अवतरित हुए थे। हालात ये हैं कि अब वो अपने गढ़ में भी नहीं जा पा रहे। ट्रेड यूनियन नेता सतीश खटकड़ कहते हैं कि सत्ता में बैठे लोगों की लोकप्रियता इतनी गिर गई है कि एक समय 95 प्रतिशत वोटों से उंचाना में जीत दर्ज करने वाले डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को वहां आना भारी पड़ गया है।

खटकड़ कहते हैं कि ‘किसानों ने चौलेंज किया हुआ है कि दुष्यंत चौटाला या खट्टर उस क्षेत्र में घुस कर दिखा दें। कुछ महीने पहले दुष्यंत चौटाला को इस क्षेत्र के किसी गांव में एक कार्यक्रम में जाना था। विरोध के चलते दो जगह हेलीपैड बनाए गए थे लेकिन प्रदर्शनकारियों ने दोनों हेलीपैड को पाट दिया और हेलीकॉप्टर उतरने नहीं दिया।’

देखना होगा कि हरियाणा में आया किसानों का उबाल खट्टर सरकार पर कोई राजनीतिक दबिश डाल पाता है या नहीं।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.