बीड़ी मज़दूरों को उनके अधिकारों से किया जा रहा है वंचित:मजदूर संघ

कर्नाटक के मेंगलुरु में राज्य बीड़ी श्रमिक संघ के 10वें राज्य सम्मेलन का आयोजन किया। सोमवार को आयोजित इस सम्मेलन में बीड़ी बनाने वाले मज़दूरों की समस्याओं पर चर्चा की गई।

ऑल इंडिया बीड़ी वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव देबाशीष रॉय ने कहा कि देश भर में बीड़ी मजदूर कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।

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उनका कहना है कि ऐसा तब है जब मजदूर आंदोलन सालों से मजबूत है।

बीड़ी श्रमिक संघ के 10वें राज्य सम्मेलन में सीटू की राज्य सचिव मीनाक्षी सुंदरम, कर्नाटक राज्य बीड़ी वर्कर्स फेडरेशन के अध्यक्ष जे. बालकृष्ण शेट्टी और सीटू नेता शामिल हुए।

‘द प्रिंट’ से मिली जानकारी के मुताबिक राय ने कर्नाटक राज्य बीड़ी श्रमिक संघ के 10वें राज्य सम्मेलन का उद्घाटन किया। उनका आरोप है कि राज्य में बीड़ी मज़दूरों की आवश्यकताओं के लिए खोले गए दवाखानों ने लगभग काम करना बंद कर दिया गया है, और  मज़दूरों के लिए चलायी गई एम्बुलेंस सेवाएं भी काम करना बंद कर चुकी हैं।

रॉय का कहना है कि बीड़ी मज़दूरों को उच्च मजदूरी सहित उनके वैध अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए मज़दूरों को एकजुट होकर आंदोलन को और मज़बूत करने की ज़रूरत है।

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गौरतलब है कि बीड़ी मज़दूरों के ऐसे हालत केवल कर्नाटक में ही नहीं है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 17 लाख बीड़ी मज़दूर काम करते हैं जिनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है। जो आज भी वेतन और सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

मुर्शिदाबाद में 17 लाख बीड़ी मजदूरों में से केवल तीन लाख के नाम भविष्य निधि पंजीकरण है। बाकी के मज़दूरों को इस योजन कोई लाभ नहीं मिल रहा है। जिसके लिए बीड़ी मज़दूर लगातार आंदोलन कर रहे हैं।

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