बेलसोनिका : यूनियन और मज़दूरों ने 4 सूत्रीय मांगों को लेकर की सामूहिक भूख हड़ताल

बेलसोनिका यूनियन ने रविवार, 26 मार्च को 8 घंटे की सामूहिक भूख हड़ताल का आयोजन किया। यह हड़ताल गुड़गांव के लघु सचिवालय पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित हुई।

हड़ताल में मज़दूरों के परिवार की महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। बेलसोनिका यूनियन की मांग है कि सामूहिक भूख हड़ताल मजदूर विरोधी लेबर कोड रद्द करने, ठेका प्रथा खत्म करने, खुली-छिपी छंटनी करना बंद करो, तीन बर्खास्त मजदूर साथियों को काम पर वापस लो, तीन निलंबित यूनियन प्रतिनिधियों को तत्काल काम पर वापस लो तथा बाउंसरों और असामाजिक तत्वों को फैक्ट्री परिसर से बाहर करो जैसी मांगों के साथ मजदूरों ने आवाज बुलंद की।

उल्लेखनीय है कि हरियाणा के मानेसर स्थित ऑटो पार्ट्स बनाने वाली बेलसोनिका कंपनी ने मज़दूर यूनियन के तीन पदाधिकारियों को बीते 17 मार्च को निलंबित करने का लिखित नोटिस दिया था।

कल हुई हड़ताल के माध्यम से बेलसोनिका यूनियन ने तत्काल मांगे पूरी न होने पर प्रबंधन को व्यापक आंदोलन करने की चेतावनी दी है। यूनियन का कहना है कि इस आंदोलन को ठेका प्रथा तथा श्रम संहिताओं को रद्द करने की एक देश व्यापी लड़ाई बनाने की ओर बढ़ाया जाएगा।

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यूनियन ने लगाए आरोप

यूनियन का कहना है कि यूनियन तमाम किसान संगठनों से आंदोलन के समर्थन तथा गुड़गांव औद्योगिक इलाके में संयुक्त आंदोलन के प्रयास जारी रखेगी।

यूनियन का आरोप है कि बेलसोनिका प्रबंधन पिछले दो वर्षों से मजदूरों की छंटनी करने के लिए नित नए षड़यंत्र तथा उकसावेपूर्ण कार्रवाईयां लगातार कर रहा है। प्रबंधन ने पिछले वर्ष भी भीषण गर्मी में मजदूरों के पंखें (एअर वॉशर) तक बंद कर दिए थे।

इसके अलावा प्रबंधन ने पिछले वर्ष गर्मी में मिलने वाले नींबू पानी में नींबू की कटौती कर मज़दूरों में रोष पैदा कर दिया था।

यूनियन के सदस्यों का कहना है कि प्रबंधन ने छोटी-छोटी बातों को लेकर सभी मज़दूरों को आरोप-पत्र, कारण बताओ नोटिस, चेतावनी-पत्र इत्यादि जारी किए। उनका कहना है कि पिछले दो वर्षों से प्रबंधन इतने पत्र अनुशासनहीनता के नाम पर मजदूरों को दे चुका है कि इन पत्रों से दो बोरियां भर चुकी हैं।

मज़दूरों का आरोप है कि प्रबंधन यह सब उकसावेपूर्ण कार्रवाइयां तथा रोष मज़दूरों को भड़काने के लिए कर रहा है। लेकिन मज़दूर और मज़दूर यूनियन छंटनी के खिलाफ अपनी एकजुटता बनाकर अपनी लड़ाई को जारी रखेगी।

रविवार को आयोजित सामूहिक भूख हड़ताल में क्षेत्र के विभिन्न मज़दूर संगठन और यूनियन व अन्य सामाजिक संगठनों के सदस्यों में समर्थन दिया। इनमें लुमाक्स, मारूति मानेसर, मारूति पॉवरट्रेन, मारूति के बर्ख़ास्त मज़दूर, हिताची के ठेका मज़दूर, एचएम्इंएस, कलाबी मज़दूर केंद्र, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, मज़दूर सहयोग केंद्र, क्रांतिकारी नौजवान सभा व श्रमिक संग्राम कमेटी के साथी शामिल थे।

सामूहिक भूख हड़ताल के दौरान इंट्रार्क फैक्ट्री के मजदूर की सड़क दुर्घटना में हुई शहादत पर दो मिनट का मौन रख कर श्रदांजलि भी अर्पित की गई।

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छंटनी पर उतारू प्रबंधन

दरअसल, बेलसोनिका प्रबंधन ने कंपनी में पिछले 10-15 वर्षों से कार्य कर रहे मज़दूरों को फर्जी दस्तावेजों का हवाला देकर लगभग 30 स्थाई मज़दूरों को आरोप पत्र और 4 अस्थाई मज़दूरों को आरोप पत्र देकर तथा उनकी जांच कार्यवाही पूरी कर नौकरी बर्खास्तगी के प्रस्ताव के साथ द्वितीय कारण बताओ नोटिस जारी कर रहा है।

वहीं, प्रबंधन ने बीते 21 अक्टूबर को 1 और 23 दिसंबर को 2 मज़दूरों को  फ़र्ज़ी दस्तावेज का हवाला देते हुए बर्खास्त कर दिया। इसके बाद 17 मार्च को प्रबंधन ने यूनियन के तीन पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया है।

यूनियन का कहना है कि प्लांट में आवश्यकता ना होते हुए भी लगातार 23-24 फरवरी 2023 से ठेका वर्करों की भर्ती कर रहा है। इन्हीं भर्तियों में उसने असमाजिक तत्वों तथा बाउंसरों की भर्ती भी कर रखी है। शिकायत करने के बाद आज तक भी इन असमाजिक तत्वों तथा बाउंसरों को कंपनी परिसर से नहीं हटाया गया है।

यूनियन द्वारा जारी विज्ञप्ति से मिली जानकारी के मुताबिक, यूनियन का कहना है कि अतिरिक्त उपायुक्त की मधयस्थता में चली प्रबंधन व यूनियन की वार्ताओं में प्रबंधन का रवैया एकदम मजदूरी विरोधी है। इसके अलावा प्रबंधन अपनी छंटनी की मंशा को त्यागने को तैयार नहीं है।

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