8 अप्रैल को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी बेलसोनिका यूनियन

बेलसोनिका यूनियन आगामी 8 अप्रैल को दिल्ली के जंतर-मंतर पर दोपहर 3 बजे प्रेस कांफ्रेंस करेगी।

बेलसोनिका मैनेजमेंट और मजदूरों के बीच चल रहे लंबे विवाद के कारण यूनियन ने यह फैसला लिया है।

यूनियन की ओर से जारी पर्चे में मज़दूरों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लिखा है। मज़दूरों की मुख्य मांग है कि निलंबित किए गए सभी दस मज़दूरों और तीन यूनियन पदाधिकारियों को तत्काल काम पर वापस लिया जाये। साथ ही बर्खास्त किये गए तीन मज़दूरों को भी कार्यबहाल किया जाये।

दरअसल, हरियाणा के मानेसर में स्थित मारुति के कॉम्पोनेंट पार्ट्स बनाने वाली बेलसोनिका कंपनी की मजदूर यूनियन व मजदूरों ने बीते 30 मार्च को 2 घंटे का टूल डाउन किया था। इसके बाद प्रबंधन ने 10 मज़दूरों को निलंबित करने का पत्र थमा दिया था। इसके अलावा बीते 17 मार्च को बेलसोनिका मज़दूरों यूनियन के तीन पदाधिकारियों को भी निलंबन का नोटिस थमाया था।

इस सभी घटनाओं के बाद यूनियन की ओर से गुड़गांव के लघु सचिवालय पर रैली और सामूहिक भूख हड़ताल का आयोजन किया जा चुकी है।

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आखिर क्यों दिल्ली में होगी प्रेस कॉन्फ्रेंस ?

बेलसोनिका यूनियन के प्रधान मोहिंदर कपूर ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि मज़दूरों ने कई बार अपनी मांगों का ज्ञापन व मांग पत्र प्रशासन और प्रबंधन को सौंपा है। लेकिन अभी तक उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्यवाई नहीं हुई है। उलटा प्रबंधन फैक्ट्री परिसर में अराजकतत्वों को तैनात कर मज़दूरों को धमकाने का काम करवा रहा है।

उन्होंने बताया कि मज़दूरों की मांग है कि फैक्ट्री में तैनात अराजकतत्वों को तत्काल हटाया जाये।

मोहिंदर ने कहना है कि जब प्रबंधन और प्रशासन कोई भी मज़दूरों की मांगों को नहीं सुन रहा है, तो यूनियन ने देश की राजधानी दिल्ली में प्रेस वार्ता करने का निर्णय लिया। जिससे कि मीडिया के माध्यम से श्रम मंत्रायल, अन्य फैक्ट्री के मज़दूरों और आम जनता को इस बात से अवगत कराया जा सके कि गुड़गांव में मज़दूरों के साथ सौतेले जैसा बर्ताव किया जा रहा है।

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यूनियन का आरोप

गौरतलब है कि बीते दो सालों से बेलसोनिका प्रबंधन और यूनियन के बीच टकराव जारी है।

यूनियन का आरोप है कि प्रबंधन ने कई बार यूनियन के पंजीकरण को भी रद्द करने के प्रयास किया है। ऐसा तब किया गया जब यूनियन ने मात्र एक ठेका मज़दूर को यूनियन की सदस्यता दी थी।

वहीं मार्च 2023 से यह टकराव और ज्यादा बढ़ गया। दरअसल, 1 मार्च को यूनियन ने सुबह की शिफ्ट में टूल डाउन किया था। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि बेलसोनिका प्रबंधन द्वारा बीते 21 अक्टूबर 2022 को 1 और 23 दिसंबर 2023 को 2 मज़दूरों को फ़र्ज़ी दस्तावेज व गैर हाजिर का हवाला देते हुए बर्खास्त कर दिया था।

मोहिंदर ने यह भी बताया कि प्लांट में आवश्यकता ना होते हुए भी प्रबंधन लगातार 23-24 फरवरी 2023 से ठेका वर्करों की भर्ती कर रहा है। इन्हीं भर्तियों में उसने असमाजिक तत्वों तथा बाउंसरों की भर्ती भी कर रखी है। मज़दूरों द्वारा कई बार शिकायत करने के बाद आज तक भी इन असमाजिक तत्वों तथा बाउंसरों को कंपनी परिसर से नहीं हटाया गया है।

आगामी शनिवार को बेलसोनिका के मज़दूर और यूनियन अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर आएंगे।

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मज़दूरों की मांग

  1. निलंबित किए गए मजदूर साथियों को काम वापस लिया जाये।
  2. मजदूरों को दिए गए आरोप पत्र रद्द किये जाये।
  3. खुली-छिपी छंटनी को बंद किया जाये।
  4. बर्खास्त मजदूरों को कार्यबहाल किया जाये।
  5. कंपनी में तैनात बाउंसर व अराजकतावादी तत्वों को हटाया जाये।
  6. ठेका प्रथा निजीकरण को बंद किया जाये।
  7. सभी अस्थाई मज़दूरों को स्थाई किया जाये।
  8. फर्जी दस्तावेज के नाम पर मज़दूरों को काम से न निकाला जाये।
  9. मैनेजमेंट मज़दूरों के साथ तानाशाही करना बंद करे।
  10. प्रबंधन कंपनी में लड़ाई दंगे का माहौल बनाना बंद करें।

(कॉपी: शशिकला सिंह)

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