इंटरार्क : प्रबंधन द्वारा ओडी पर भेजे गए मज़दूर की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत

उत्तराखंड के रुद्रपुर में स्थित इंटरार्क कंपनी के ओडी पर भेजे गए श्रमिक रोहितास कुमार शर्मा की लुधियाना, पंजाब में सड़क दुर्घटना में दुखद निधन हो गया है। इससे रोहितस के परिजनों और इंटरार्क सहित क्षेत्र के मज़दूरों में दुख और क्षोभ का माहौल व्याप्त है।

उल्लेखनीय है कि इंटरार्क पंतनगर व किच्छा के मज़दूरों के लंबे व जुझारू संघर्ष के बाद बीते 15 दिसंबर को अपर जिलाधिकारी और सहायक श्रमायुक्त के समक्ष समझौता सम्पन्न हुआ था। इस समझौते के तहत दिवंगत श्रमिक रोहितास कुमार शर्मा सहित 33 जुझारू श्रमिकों को कंपनी ने दूसरे राज्यों में तीन माह के लिए ओडी पर भेजा था। स्पष्ट है कि रोहितस इंटरार्क कंपनी मालिक की जिद और अत्याचार की भेंट चढ़ा है।

यूनियन द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि आज 26 मार्च को इंटरार्क कंपनी में कार्यरत श्रमिक रोहितास कुमार शर्मा अपने दो सहकर्मियों देवेंद्र सिंह बिष्ट एवं पूरन सिंह मेहरा के साथ में प्रतिदिन की भांति ई-रिक्शा से अपने मोतीनगर, लुधियाना, पंजाब स्थित कमरे से इंटरार्क कंपनी की ग्रासिम पेंट कंपनी स्थित साइड पर ओडी पर जॉब नम्बर 16015 पर काम करने जा रहे थे।

इसी दौरान पुलिस कॉलोनी चौक पर प्रातः करीब 8:30 बजे विपरीत दिशा से आ रहे अशोक लीलैंड कंपनी के डम्पर जिसका नम्बर PB07 AS9823 है, का चालक लाल बत्ती को तोड़ते हुए बहुत तेज रफ्तार से आया और उक्त ई-रिक्शा में ज़ोर से टक्कर मार दी। जिस कारण से श्रमिक रोहितास कुमार शर्मा की तत्काल ही मौत हो गई। शेष दो श्रमिक बाल बाल बचे।

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ज्ञात रहे कि 15 दिसंबर 2022 को अपरजिलाधिकारी और सहायक श्रमायुक्त महोदय के समक्ष हुए समझौते के पश्चात दिवंगत श्रमिक रोहितास कुमार शर्मा सहित 33 श्रमिकों को कंपनी द्वारा दूसरे राज्यों में तीन माह के लिए ओडी पर भेजा था। रोहितास इंटरार्क कंपनी के किच्छा प्लांट में कार्यरत थे और रुद्रपुर देहात, रुद्रपुर में अपने दो छोटे-छोटे बच्चों, पत्नी और माता पिता संग रहते थे।

मृतक श्रमिक रोहितास के परिजनों ने आरोप लगाया कि रोहितास यूनियन के सक्रिय सदस्य थे इसीलिए कंपनी द्वारा बदले की भावना के तहत ही ओडी पर बाहर भेजा था। बताया कि कंपनी रोहितास का बहुत अधिक उत्पीड़न कर रही थी। उनके जनवरी माह का वेतन एक तिहाई काट दिया गया। जनवरी व फरवरी माह का ओवर टाइम भी अभी तक नहीं दिया गया है। रहने को कमरे का किराया, भोजन आदि को कन्वेंशन और टीए भी कंपनी ने नहीं दिया। साइड इंचार्ज द्वारा पास किये गए बिलों का भुगतान भी अभी तक नहीं किया है। बताया कि कंपनी प्रबंधन, हेड ऑफिस हर जगह फरियाद की किन्तु किसी ने नहीं सुनी।

उनके पिता का कहना था कि उन्होंने लोगों से कर्ज मांगकर रोहितास को ही उल्टे पैंसे भेजे। तीन माह से उसने अपने बच्चों के लिए एक भी पैंसे नहीं भेजे क्योंकि उसके पास भेजने को पैंसे ही नहीं थे। उसके बच्चे दाने दाने को मोहताज हैं। भगवान करे कि ऐसा कंपनी मालिक किसी भी श्रमिक को न मिले।

यूनियन महामंत्री ने बताया कि रोहितास समेत ओडी पर भेजे गए सभी 33 श्रमिकों पर कंपनी द्वारा किये जा रहे उक्त अत्याचार की शिकायत पर सहायक श्रमायुक्त महोदय द्वारा कल 27 मार्च 2023 को कंपनी प्रबंधन को अपने पास तलब किया गया है। आशा है कि उनके द्वारा ओडी पर गए उक्त सभी श्रमिकों को न्याय मिलेगा।

यूनियन रोहितास के बच्चों को न्याय दिलाने का संघर्ष जारी रखेगी।

(साभार मेहनतकश)

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