जंतर-मंतर : मनरेगा मज़दूरों का 100 दिवसीय धरना जारी, पुलिस अनुमति के बाद भी प्रदर्शन करने से रोका

दिल्ली के जंतर मंतर पर मनरेगा मज़दूरों का धरना आज 28वें दिन भी जारी रहा। नरेगा संघर्ष मोर्चे से सदस्यों का आरोप है कि आज के धरने की पुलिसिया अनुमति होने का बावजूद प्रदर्शनकारियों को मात्र 2 घंटे ही धरना देने की अनुमति दी।

नरेगा संघर्ष मोर्चा द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, आज जंतर मंतर पर आम आदमी पार्टी द्वारा एक धरने का आयोजन किया गया था। इसके कारण पुलिसवालों ने अन्य धरनारत संगठनों को दोपहर 1 बजे से पहले धरना स्थल खाली करने को कहा।

जब उत्तर प्रदेश से आये नरेगा मज़दूरों ने इसका विरोध किया तो पुलिस कर्मियों को बलपूर्वक उनको धरना के हटाने की कोशिश की।

उल्लेखनीय है नरेगा संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर नरेगा मज़दूरों का दिल्ली के जंतर मंतर पर 100 दिवसीय धरना बीते 13 फ़रवरी से जारी है।

धरनारत मज़दूरों का कहना है कि इस संबंध में हर दिन मोर्चा की ओर से पुलिसिया अनुमति ली जाती है। इसके मुताबिक सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक विरोध प्रदर्शन किया जा सकता है।

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दी गई धमकी

उनका कहना है कि आज भी हमारे पास पुलिस की पूर्व अनुमति थी। इसके बावजूद भी न केवल हमें शांतिपूर्वक विरोध करने के लिए एक उचित स्थान से वंचित किया गया, बल्कि हमें भविष्य में जंतर-मंतर पर विरोध करने की अनुमति नहीं देने की धमकी भी दी गई।

नरेगा संघर्ष मोर्चा के सदस्यों का आरोप है कि यह और कुछ नहीं बल्कि भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों पर हमला है। भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार और शांतिपूर्ण विधानसभा का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 14 के साथ पढ़े जाने वाले अनुच्छेद 19 के तहत निहित है।

मोर्चा ने मज़दूरों के अधिकारों के हनन के इस क्रूर दमन पर केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार से जवाबदेही की मांग की है। साथ ही उनका कहना है कि नरेगा संघर्ष मोर्चा देश भर के हजारों मज़दूरों की वाजिब मांगों को उठाने के लिए अडिग रहेगा।

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