पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को दो साल बाद मिली राहत, इलाहाबाद HC ने दी जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार 24 दिसंबर को पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को जमानत दे दी हैं। कोर्ट द्वारा दी गई इस राहत के बाद सिद्दीकी कप्पन 2 साल बाद जेल से बाहर आएंगे।

ज्ञात हो कि सिद्दीकी कप्पन पर हवाले से धन प्राप्त करने और उस धन को विदेश में निवेश करने के साथ अन्य आरोपों में यूपी पुलिस ने हाथरस ने 31 अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया था।

इसके अलावा पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया PFI से जुड़े अन्य 8 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था। जिस समय कप्पन की गिरफ़्तारी की गयी थी उस समय उसके साथ PFI का भी एक सदस्य था।

गिरफ्तारी के बाद यूपी पुलिस की विशेष जांच दल में तैनात अधिकारी (SIT) ने सिद्दीकी कप्पन के खिलाफ 5000 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी।

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जानकारी के मुताबिक, कप्पन की जमानत का आदेश हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने पारित किया है। इससे पहले 1 नवंबर को लोकल कोर्ट ने इसी याचिका को खारिज किया था और मनी लॉन्ड्रिंग केस में कप्पन जेल में बंद रहा था। जिसके बाद कप्पन ने हाई कोर्ट का रुख किया था।

दरअसल, लखनऊ के रहने वाले कप्पन केरल में एक पत्रकार के तौर पर काम करते हैं। इस जमानते के बाद उनकी पत्नी रिहान सिद्दीकी ने कहा है कि जब तक वह अपने पति को अपनी आँखों से नहीं देख लेंगी उनको भरोषा नहीं होगा की उनके पति कप्पन को जमानत दे दी गयी हैं।

इससे पहले 9 सितंबर 2022 को सिद्दीकी कप्पन को सुप्रीम कोर्ट ने यूएपीए के तहत हुई गिरफ्तारी में जमानत दी थी। कोर्ट ने जमानत देते हुए कप्पन का पासपोर्ट जब्त कर लिया था। साथ ही उसे अगले 6 सप्ताह तक दिल्ली में ही रहने और हर सप्ताह जंगपुरा थाने में हाजिर होने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस अवधि के बाद वह केरल जा सकेगा लेकिन वहाँ भी उसे हाजिरी लगानी होगी।

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पुलिस का कहना था कि कप्पन कट्टरपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े हैं। साथ ही उनके ऊपर यहाँ भी आरोप लगाया गया था कप्पन ने हाथरस में दंगे फैलाने में मुख्य भूमिका निभाई थी।

वहीं कप्पन का कहना था कि हाथरस में युवती के साथ हुए गैंगरेप-मर्डर के बाद घटनास्थल पर मामले को कवर करने जा रहे थे।

कप्पन आईपीसी की धारा 153ए , 295ए, 124ए , 120बी यूएपीए के तहत जेल में बंद थे।

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