उत्तराखंड : बुलडोजर राज के विरोध में सड़कों पर उतरा जनसैलाब, निकाला कैंडल मार्च

उत्तराखंड के हल्द्वानी में बनभूलपुरा के लोगों का बुलडोजर राज के विरोध में संघर्ष जारी है। गुरुवार, 29 दिसंबर की शाम बनभूलपुरा क्षेत्र में बस्तियां बचाने के लिए विशाल कैंडल मार्च निकाला गया। बनभूलपुरा इलाके की बहुचर्चित रेलवे जमीन पर पर बने हज़ारों घरों पर बुलडोजर की कार्यवाही के विरोध को बनभूलपुरा की जनता सड़कों पर उतरी।

कैंडिल मार्च में लगे जोरदार नारों के साथ पूरा इलाका गुंजायमान रहा। कड़कड़ाती ठंड के बीच अपना आशियाना बचाने की उम्मीद में बड़ी संख्या में महिलाएं-बच्चे, नौजवान, बुजुर्ग भी शामिल हुए। कैंडल मार्च शांतिपूर्ण रहा।

मार्च में बनभूलपुरा की आम जनता के साथ सामाजिक संगठन और राजनीतिक दल भी शामिल रहे। क्षेत्र की मेहनतकश जनता के पक्ष में विभिन्न सामाजिक संगठन मजबूती से खड़े हैं।

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27 दिसंबर को उत्तराखंड के विभिन्न सामाजिक संगठनों की आपातकालीन बैठक में लिए गए निर्णय के तहत विभिन्न जन संगठन जनता के संघर्ष में शामिल हुए।

हल्द्वानी के मुजाहिद चौक से शुरू मार्च में हजारों की संख्या में सड़क पर निकले लोगों ने बनभूलपुरा, लाइन नंबर 17, चोरगलिया रोड, लाइन नम्बर 1, बनभूलपुरा में जोरदार तरीके से जुलूस निकाला।

ज्ञात हो कि हाल ही में हाईकोर्ट ने वनभूलपुरा गफूर बस्ती में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर बने घरों को ज़मीदोज़ करने के आदेश दिए थे।

इस जगह पर करीब 4365 घर हैं। टीम पुराने पिलरों की जांच करेगी जहां पिलर हटाए गए होंगे वहां पेंट से लाल निशान लगाए जाएंगे। इसके बाद स्पष्ट हो जाएगा कि कितने क्षेत्र का अतिक्रमण तोड़ा जाएगा।

बुधवार, 26  दिसंबर को रेलवे और प्रशासन की टीम को रेलवे भूमि पर सीमांकन करना था। इसकी सूचना मिलते ही लोग विरोध की तैयारियों में जुट गए। हालांकि इसकी तैयारी सोमवार रात को हुई बैठक में कर ली गई थी कि शांतिपूर्ण तरीके से विरोध किया जाएगा।

बनभूलपुरा की जनता सुबह आठ बजे से बनभूलपुरा चौकी पहुंचना शुरू हो गई। कुछ ही देर में करीब 25 हजार लोग सड़कों पर बैठ गए। उनके साथ महिलाएं और स्कूली बच्चे भी थे।

इस विरोध को देखते हुए प्रशासन ने तय किया गया कि दस जनवरी को अतिक्रमण तोड़ा जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने शाम करीब 3:35 बजे मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा। एक निर्णय के तहत लोग शाम छह बजे सड़कों से उठकर अपने घरों को चले गए।

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प्रदर्शनकारियों की मांग

उत्तराखंड सरकार 2016 के शपथ पत्र के अनुरूप अपनी अवस्थिति ग्रहण करे और उच्च न्यायालय में 20 जनवरी को आए जनविरोधी फैसले पर पुनर्विचार याचिका डाले। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय में जनता की पैरवी करे।

इसके अलावा  मलिन बस्ती श्रेणी में बनभूलपुरा क्षेत्र की पांच मलिन बस्तियों; ढोलक बस्ती/गफूर बस्ती, चिराग अली शाह, इन्द्रा नगर पूर्वी, इंदिरानगर पश्चिमी “ए”, इंदिरा नगर पश्चिमी “बी”; को पुनः मालिन बस्ती की श्रेणी में शामिल किया जाए।

गौरतलब है की हाल ही में हाईकोर्ट ने वनभूलपुरा गफूर बस्ती में रेलवे की 29 एकड़ भूमि को खाली कराने के आदेश दिए थे।

टीम पुराने पिलरों की जांच करेगी जहां पिलर हटाए गए होंगे वहां पेंट से लाल निशान लगाए जाएंगे। इसके बाद स्पष्ट हो जाएगा कि कितने क्षेत्र में घर ढहाए जाएंगे।

बुधवार को आयोजित बैठक में राजेंद्र सिंह, सरस्वती जोशी, कौशल्या चुनियाल, किशन शर्मा, मदन सिंह, ललित उपरेती ललिता रावत समेत दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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