रिटायर्ड पंजीकृत निर्माण मज़दूरों को बीते 5 महीनों से नहीं मिली पेंशन, किया प्रदर्शन

देश की राजधानी दिल्ली में बीते 5 महीनों से निर्माण बोर्ड में पंजीकृत मज़दूरों को पेंशन का भुगतान नहीं किया गया है। इसके कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

आज, 21 मार्च को ऐक्टू के नेतृत्व में दिल्ली के निर्माण मज़दूरों ने पेंशन रोकने के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन से पहले सिविल लाइन्स ट्रामा सेंटर से मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय की तरफ जुलूस निकाला गया। इसमें दिल्ली के हैदरपुर, समयपुर, बादली, वज़ीराबाद, संत-नगर, करावल नगर, गांधी विहार, मुस्तफाबाद, संगम विहार, ओखला इत्यादि में रहने वाले मजदूरों ने हिस्सेदारी की।

ऐक्टू से सम्बद्ध बिल्डिंग वर्कर्स यूनियन के महासचिव वी के एस गौतम ने कहा कि दिल्ली में रोजगार की भारी कमी के कारण निर्माण मज़दूर बहुत परेशान हैं। उनका आरोप है कि 60 वर्ष के ऊपर के मज़दूरों की पेंशन को बेवजह रोक दिया गया है। इस कारण मज़दूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

ऐक्टू द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक निर्माण मज़दूरों के लिए बने वेलफेयर बोर्ड में पंजीकरण को लेकर पहले से ही दिल्ली में काफी गड़बड़ियां रही है। ऐसे में तकनीकी कारणों के चलते पंजीकरण को बंद किया जाना सरासर गलत है।

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यूनियन की मांग

यूनियन की मांग है कि ऑनलाइन पंजीकरण बन्द होने की स्थिति में दिल्ली सरकार को मैन्युअल पंजीकरण प्रक्रिया शुरू तत्काल शुरू कर देनी चाहिए।

ऐक्टू की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुचेता डे ने कहा कि कॉर्पोरेट-घरानों को खुश करने के लिए लाये गए श्रम-कोड मज़दूरों को गुलामी की ओर धकेल देंगे। आये दिन दिल्ली में हो रही औद्योगिक दुर्घटनाओं में मज़दूरों की मौत के बावजूद दिल्ली सरकार मज़दूरों की सुरक्षा के प्रति उदासीनता बनाये हुए है।

उनका आरोप है कि दिल्ली व केंद्र सरकार, दोनों ने ही ट्रेड यूनियनों के साथ वार्ता करना बंद कर दिया है।

गौरतलब है कि अपने चुनावी वादों में बड़े बड़े वादे करने वाली आप की सरकार के सभी दावे खोखले साबित होता जा रहे हैं। MCD चुनाव में प्रचार के दौरान आप की सरकार ने MCD संविदा कर्मचारियों से यह वादा किया था कि सभी को नियमित कर दिया जायेगा। लेकिन अभी तक इस मुद्दे पर आप का कोई बयान नहीं आया है।

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