हरियाणा में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल आज 10 वें दिन भी जारी, जानिए क्या हैं मांगें

हरियाणा में चल रही सफाई कर्मचारियों की हड़ताल को आज दस दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन और सरकार की आंखे नहीं खुल रही हैं। उलटा अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे कर्मचारियों पर लाठीचार्ज और गिरफ्तारियां की जा रही हैं।

हिसार, सिरसा, करनाल, कैथल और कुरुक्षेत्र आदि जिलों में कर्मचारियों के साथ हाथापाई भी की गयी है। जिसका जन संघर्ष मंच ने निन्दा की है।

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जन संघर्ष मंच द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति से मिली जानकारी के मुताबिक करनाल में 32 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया। यमुनानगर में 05, कैथल में 198, हिसार में 118, कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया।

संघर्ष मंच के सदस्यों का कहना है कि लम्बी होती हड़ताल के कारण सरकार की नींद हराम हो गई है , परंतु सरकार हड़ताली कर्मचारियों की मांगों को मानने की बजाय ओछे हथकंडे अपना रही है।

हिसार में महिला कर्मचारियों के साथ धक्का मुक्की की गई व उन्हें गिरफ्तार कर रात के दो बजे छोड़ा गया। प्रदेश में 40 हजार कच्चे कर्मचारी हड़ताल पर चल रहे हैं।

उनका आरोप है कि सरकार ने केवल एक बार ही कर्मचारियों से ओपचारिक बात की है। लेकिन लगता है कि सरकार समस्या का हल निकालने के मूड में नहीं है। संघर्ष मंच का कहना है कि करनाल निगमायुक्त अजय तोमर द्वारा अपनी अधिकारियों की टीम के साथ झाड़ू लगाने की घटना भी हास्यास्पद स्थिति ब्यान करती है।

शुक्रवार को करनाल में पुलिस की टीम के साथ सफाई कर्मी अधिकारीयों ने शहर से कूड़ा उठाने का प्रयास किया। लेकिन प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों ने कूड़ा नहीं उठाने दिया।

इसके बाद करनाल पुलिस ने 24 सफाई कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया है। उन पर सरकारी कामकाज में दखल देने का मामला दर्ज किया गया है।

प्रदेश में 19 अक्तूबर से प्रदेश के 40 हजार सफाई कर्मचारियों और अग्निशमन कर्मियों की हड़ताल जारी है। जन संघर्ष मंच हरियाणा सरकार की उपरोक्त तानाशाहीपूर्ण नीतियों की निंदा करते हुए मांग की एक सूची जारी की है।

  1. कौशल रोजगार निगम को भंग कर ग्रुप डी व सी के कर्मचारियों को विभाग में ओनरोल किया जाए।
  2. बिना रजिस्टर्ड कर्मचारियों का रुका वेतन तुरंत दिया जाये।
  3. सफाई कर्मी सिविरमैन फायर कर्मचारी आदि के लिए नियमितीकरण नीति बनाई जाए।
  4. समान काम समान वेतन लागू किया जाए।
  5.  कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों के आश्रितों को 50/50लाख रुपए की अंतरिम सहायता राशि दी जाए।
  6.  सफाई कर्मी, सिविर मैन, फायर कर्मचारी और बिजली कर्मचारियों को चार हजार रुपए मासिक जोखिम भत्ता दिया जाए।
  7.  ठेका प्रथा बंद करके नियमित रूप से भर्ती की जाए।
  8.  विगत 28/29साल से कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमों में छूट दे कर पक्का किया जाय।
  9.  विभाग के रोल पर आए 1366 फायर कर्मचारी को स्वीकृत पदों पर समायोजित कर समान काम समान वेतन दिया जाए।
  10.  फायर विभाग को दोबारा से नगर निकाय विभाग में शामिल किया जाए।
  11.  गिरफ्तार किए गए कर्मचारियों को बीना देरी रिहा किया जाय उन पर दायर एफआईआर रद्द की जाए।

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