जिस उद्योगपति को एशिया का श्रेष्ठ उद्यमी का तमगा मिला उस पर बंधुआ मज़दूरी कराने का लगा आरोप

जयपुर। क़रीब दो हफ्ते से मान स्ट्रक्चरर्ल्स प्रा. लिमिटेड में हड़ताल का सिलसिला चल रहा है। वजह है यूनियन की मांगों के बदले मान वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष विनोद ढाचोलिया और कार्यकारिणी

सदस्य नवाब ख़ान और चार अन्य कैजुअल वर्करों को नौकरी से निकाल बाहर किया जाना।

यूनियन के नेतृत्व में मज़दूर भारत के 72वें स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले यानी 14 अगस्त 2018 से लगातार मिल के गेट पर धरना दे रहे हैं।

कंपनी ने यूनियन को मानने से ही किया इनकार

वर्करों ने 16 अगस्त को श्रम विभाग के दफ़्तर के सामने प्रदर्शन कर अतिरिक्त श्रमायुक्त धर्मपाल सिंह को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया।

यूनियन के नेताआें के अतिरिक्त सीटू के राज्य सचिव रविद्र शुक्ला, भ्ंवर सिंह एवं कमल सिंह ने इन मज़दूरों की मांगों का समर्थन किया।

कंपनी के प्रबंधक एस.के. गांधी ने श्रम सचिव व श्रमायुक्त को कंपनी में जारी हड़तााल का हवाला देते हुए एक पत्र में आंदोलित यूनियन को मानने से इंकार किया और वर्करों के साथ वार्ता करने सं इंकार किया है।

पत्र में कहा गया है कि हड़ताल के कारण कंपनी के उत्पादन को भारी नुकसान हो रहा है आैर मिल में तलाबंदी की स्थिति आ रही है।

परमानेंट वर्करों को निकाल बाहर करने की योजना

यूनियन के महामंत्री रामअवतार सिंह राठौड़ ने बताया कि ‘मिल कंपनी के मालिकाें की मूल योजना परमानेंट वर्करों को निकाल बाहर करना एवं सभी विभागों के ठेकाकरण की है। मिल में पहले ही गैन्वेलाइजिंग विभाग जहां लोहे के एंगिल आदि पर जिंक चढ़ाया जाता है। इस पूरे काम को ठेका श्रमिकों से कराया जाता है।’

उनके अनुसार, ‘मिल मालिक लगभग चार दर्जन से अधिक ठेकेदारों के मार्फत लगभग 450 से अधिक ठेका मज़दूरों को काम पर रखे हुए है। ये सभी ठेकेदार श्रम विभाग से लाइसेंस प्राप्त नहीं है। यह ठेके मज़दूरों से संबंधित अधिनियम 1970 के अंतर्गत बिना लाइसेंस ठेकदारी दंडनीय कानूनी अपराध है जिसके लिए मिल मालिक भी ज़िम्मेदार है।’

यूनियन नेताओं के अनुसार, ‘इसके अतिरिक्त कैजुअल वर्कर जो 10 से 15 वर्षों से कार्यरत हैं उनको स्थार्इ नहीं किया जा रहा है।’

श्रमिकों का यह भी कहना है कि ‘श्रम विभाग के बाहर प्रदर्शन के बाद ठेका मज़दूरों को मिल में बंधक बना कर रखा जा रहा है। उन्हें कंपनी परिसर से बाहर नहीं आने दिया जा रहा।’

मिल में बंधुआ मज़दूरी और बाल श्रम क़ानून का उल्लंघन

यूनियन नेताओं ने बंधुआ मज़दूरी तथा बाल श्रम कानूनों के उल्लंघन के आरोप भी प्रबंधकों पर लगाए हैं।

अतिरिक्त श्रमायुक्त धर्मपाल सिंह ने कंपनी के प्रबंधको आैर अांदोलित श्रमिकों के साथ दिनांक 18 अगस्त को समझौते के लिए वार्ता की है तथा आगामी 28 अगस्त को पुनः वार्ता के लिए आमंत्रित किया है।

मज़दूरों का अांदोलन एवं मिल गेट पर धरना जारी है। हड़ताल के कारण मिल में उत्पादन को भारी क्षति हो रही हैै।

मान स्ट्रक्चरल प्राइवेट लिमिटेड इण्डस्ट्री ट्रांसमिशन लाइन टावरों, उप स्टेशन संरचनाओं, रेलवे विद्युतीकरण संरचनाओं, ट्यूबलर संरचनाओं और अन्य संबद्ध हल्के स्टील उपकरणों का निर्माण करती है।

मालिक को कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मान

इसके युवा ज्वांयट डायरेक्टर गौरव रूंगटा को नेशनल चैम्बर्स आॅफ कामर्स द्वारा 2016 वर्ष के श्रेष्ठ उद्यमी तथा एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र के उद्यमियों के बीच श्रेष्ठ उद्यमी होने के पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।

उन्हें राष्ट्रीय उद्योग रत्न जैसे सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है।

मज़दूरों का कहना है कि इसके बावज़ूद उनकी कंपनी में मज़दूराें की यह दशा आैर हड़ताल तथा आंदोलित मजदूरों से बात न करने की उनकी ज़िद समझ से परे है।

मज़दूरों द्वारा दिया गया ज्ञापन-

श्रीमान श्रमायुक्त श्रम विभाग, जयपुर

विषय : मान स्ट्रक्र्चर्ल्स प्रार्इवेट लिमिटेड में जारी अवैधानिक गतिविधियों के संबंध में
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महोदय,
हम मान वर्कर्स यूनियन के श्रमिक श्रीमानजी का ध्यान निम्न बिंदुआें की आेर आकर्षित करना चाहते हैं :

बंधुआ शोषण
1. यह कि मान स्ट्रक्चर्स लिमिटेड में बिना लाइसेंस लगभग चार दर्जन एेसे ठेकेदारों के मजदूरों से प्रबंधक गण कारखाने में काम करा रहे हैं जिनकी संख्या लगभग 450 से अधिक है।
ठेकेदारों को विधिवत लाइसेंस प्राप्त नहीं है। इसकी एवज में प्रबंधकगण कमीशनखोरी कर अपनी जेब भर रहे हैं जिसका कोर्इ हिसाब-किताब नहीं है। यह पूरी तरह कालाधन है।

2. यह कि ठेके के श्रमिकों की स्थिति बंधुआ मज़दूर की तरह है। इन्हें न्यूनतम मज़दूरी नहीं दी जाती है। काम की आठ घंटे से अधिक लिया जाता है। अोवर टाइम नियमानुसार नहीं दिया जाता है। श्रमिकों की सुरक्षा नहीं है, पीएफ, र्इएसआर्इ में भी अनियमितताएं बरती जा रही है।

3. यह कि कारखाने में बाल श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है। ठेके के श्रमिकों में से कर्इ एेसे हैं जिनकी आयु 18वर्ष से कम है तथा उनसे भारी श्रम के जोखिम वाले हेज़र्डस् काम लिए जाते हैं।

4. यह कि मिल में श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में मान वर्कर्स यूनियन आंदोलन रत है आैर शांतिपूर्ण तरीके से दिनांक 16 अगस्त 2018 को श्रम विभाग के समक्ष प्रदर्शन कर अतिरिक्त श्रमायुक्त को अपना मांगपत्र पेश कर चुकी है। मिल के गेट पर शांतिपूर्ण धरना जारी है। मिल प्रबंधकों ने इसके बाद से ठेका श्रमिकों को मिल के परिसर में गैर काननी रूप से अवरूद्घ कर बंद किया हुआ है। उन्हें मिल के बाहर नहीं निकलने दिया जाता है। यहां तक कि भरपेट खाना तक नहीं दिया जा रहा है।

अस्थार्इ श्रमिक के नाम पर जारी शोषण

5. यह कि मिल में नियमित प्रकृति का काम करने वाले श्रमिक जो कि विगत 10 से 15 वर्ष आैर इससे अधािक अवधि से काम कर रहे हैं, उन्हें नियमानुसार नियमित नहीं किया जा रहा है। उन्हें ग्रेच्यूटी एवं पीएफ तथा र्इएसआर्इ जैसी सुविधाएं भी नियमानुसार व सहीं तरीके से नहीं दी जा रही है। श्रम कानूनों की पालना नहीं की जा रही है।

पर्यावरण प्रदूषण

6. यह कि कारखाने में ग्लेमलार्इजेशन विभाग जहां लोहे पर जिंक चढ़ाया जाता है, जिंक खौलाने से निकलने वाले जहरीले धुएं के प्रदूषण से बचाव के उपाय नहीं किए गए है। पर्यावरण विभाग द्वारा जारी चेतावनी के बावजूद यह जारी है। इससे मिल में काम कर रहे श्रमिकों एवं आस पास निवास करने वाले नागरिकों के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है।

चाेरी से अन्य कारखाने में उत्पादन एवं न्यायालय की अवमानना

7. यह कि मान स्ट्रक्चर के निकट ही अन्य फेक्टरी मान इंडस्ट्री वाइंड अप हो चुकी है। इसके बावजूद मान स्ट्रक्चर के प्रबंधको मान इंडस्ट्री में गैर कानूनी रूप से उत्पादन करा रहे हैं। मान स्ट्रक्चर्ल्स की कुछ मशीनें वहां स्थानांतरित कर दी गर्इ हैं। आैर मान स्ट्रक्चर्ल्स के श्रमिकों को काम करने के लिए मज़बूर किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मान इंडस्ट्री को उत्वादित माल के भंडारण के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है। यह सब नियम विरूद्घ एवं न्यायालय के अादेश के विरूद्घ है।

अतएव श्रीमान से निवेदन है कि उक्त बिंदुआें पर संज्ञान लेकर नियमानुसा जांच कर कार्रवार्इ करने का कष्ट करें।

निवेदक
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विनोद ढांचोलिया रामावतार सिंह राठौड़
अध्यक्ष महामंत्री
मान वर्कर्स यूनीयन, जयपुर

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सूचनार्थ प्रतिलिपि

1.मुख्य कार्यकारी निदेशक, मान स्ट्रक्चर्ल्स प्रा. लि. जयपुर
2.मुख्य मंत्री राजस्थान सरकार
3.उद्याेग मंत्री, राजस्थान सरकार
4.श्रम मंत्री राजस्थान सरकार
5.आयुक्त भविष्य निधि, जयपुर
6आयुक्त कर्मचारी राज्य. बीमा, जयपुर
7.न्याय अधिकारिता मंत्री जयपुर
8. जिला कलेक्टर, जयपुर
9.पुलिस अधीक्षक, जयपुर
10.निदेशक पर्यावरण विभाग, जयपुर
11. बंधुआ मुक्ति मोर्चा, जयपुर
12.सभी ट्रेड यूनियन संगठन

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