मज़दूर वर्ग को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने न्यूनतम मज़दूरी के ख़िलाफ़ फैसले को पलटा

By रवींद्र गोयल

दिल्ली में न्यूनतम मज़दूरी लागू करने पर दिए गए हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया है।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसफ़ की सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने 31 अक्टूबर को ये फैसला सुनाया।

सर्वोच्च न्यायालय की ओर से ये वर्करों को एक बड़ी राहत है।

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दिल्ली सरकार ने न्यूनतम मज़दूरी का अध्यादेश जारी किया था, जिसे दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।

न्यूनतम मजदूरी तय करने के लिए बनायीं गई पहली समिति के सदस्य सुभाष भटनागर ने बताया कि उपरोक्त स्टे तीन महीने के लिए है।

इसमें दिल्ली सरकार को दोबारा न्यूनतम मजदूरी तय करने की प्रक्रिया को पूरा करना होगा।

4 अगस्त 2018 को दिल्ली हाई कोर्ट ने ये कहते हुए दिल्ली सरकार के न्यूनतम मज़दूरी बढ़ाने के फैसले को रद्द कर दिया कि वो बिना किसी आधार पर, बिना दिमाग लगाये हुए तय किया गया था।

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