महाराष्ट्र : 26 दलित-आदिवासी बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया गया

महाराष्ट्र के लातूर जिली से नेशनल कैंपेन कमेटी फॉर इरेडिकेशन ऑफ बॉन्डेड लेबर ने बीते बुधवार ,14 दिसंबर को 26 दलित-आदिवासी बंधुआ मजदूरों को गुलामी से मुक्ति कराया है। सभी मज़दूर मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के रहने वाले हैं। इन 26 बंधुआ मजदूरों में से 14 पुरुष मजदूर, 6 महिला मजदूर एवं 6 बाल मजदूर हैं।

‘नेशनल कैंपेन कमेटी फॉर इरेडिकेशन ऑफ बॉन्डेड लेबर’ से मिली जानकारी के मुताबिक, पप्पू नामक प्रवासी मजदूर ने संगठन को इस बात कि सूचना दी थी कि महाराष्ट्र के लातूर जिले के औसा तहसील के चलबुर्गा एवं उल्का पट्टी गांव में 26 बंधुआ मजदूर बंधुआ मजदूरी के शिकार हैं, जो ग्वालियर मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं।

पप्पू ने यह भी बताया कि वह खुद भी बंधुआ है किंतु मौका देख कर कुछ मजदूरों के साथ कार्य स्थल से भागने में सफल रहा ताकि वह बाकी मजदूरों की मदद कर सके।

ये भी  पढ़ें-

उन्होंने बताया कि इन मजदूरों को अगस्त 2022 में राकेश बंजारा नाम के मानव तस्कर द्वारा कुछ पैसे देकर गुलाम बना डाला था। मानव तस्करी से पीड़ित बंधुआ मजदूरों में महिलाएं एवं बच्चे भी सम्मिलित हैं।

पप्पू ने इस बात का खुलासा भी किया कि राकेश सभी मजदूरों को ग्वालियर से महाराष्ट्र के पुणे शहर में लेकर गया जहां इन मजदूरों से दो माह तक जबरदस्ती काम करवाया गया और काम के एवज में कोई वेतन नहीं दिया इसके बाद राकेश बंजारा ने इन मजदूरों को महाराष्ट्र के लातूर जिले के औसा तहसील के खेतों में गन्ना कटाई के लिए लगा दिया।

उन्होंने  यह आरोप भी लगाया कि राकेश बंजारा ने तमाम मजदूरों को पुणे में अशोक बंजारा को बेचा था, फिर अशोक बंजारा ने इन मजदूरों को लातूर के अरुण चौहान एवं रीवा चौहान  को ढाई लाख रुपए में बेच दिया था, इस तरह  वे  मानव तस्करी के शिकार हो गए। फिर अशोक एवं राकेश बंजारा फरार हो गए।

इधर मालिक अरुण सभी मजदूरों से जबरन मजदूरी करवाने लगा। इतना ही नहीं, जब मज़दूरों ने बिना वेतन के काम करने से मना किया तो उनको प्रताड़ित भी किया गया।

ऐसे में मज़दूरों का कहीं आना जाना भी बंद कर दिया गया था ताकि काम पर कोई प्रभाव न आए।

ये भी  पढ़ें-

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, लगातार काम करने के कारण दो मज़दूर बृजेश और जीतू की तबियत भी ख़राब हो गयी थी। दोनों मज़दूरों को तत्काल औसा लातूर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनकी हालत गंभीर बानी हुई है।

लातूर में फंसे 26 खेतिहर मजदूरों को मुक्त करवाने के लिए 13 दिसंबर को मानवाधिकार अधिवक्ता एडवोकेट आमीन खान – नेशनल कैंपेन कमिटी फॉर इरेडिकेशन ऑफ़ बॉन्डेड लेबर ने पप्पू नामक एक  मजदूर के साथ महाराष्ट्र के लातूर में पहुंच कर वहां से सभी बंधुआ मजदूरों को मुक्त करवाया।

नेशनल कैंपेन कमिटी फॉर इरेडिकेशन ऑफ़ बॉन्डेड लेबर के संयोजक निर्मल गोराना ने 10 दिसंबर 2022 को एक शिकायत लातूर के जिला अधिकारी एवं ग्वालियर मध्य प्रदेश के जिला अधिकारी को दी। इसके पश्चात NCCEBL की टीम लातूर डीएम से मिली। डीएम ने एसडीएम औसा को निर्देश जारी किए।

ये भी  पढ़ें-

प्रवासी बंधुआ मजदूरों की मुक्ति के समय मजदूरों ने रेस्क्यू टीम को बताया कि उन्हें ढाई लाख रुपए में मालिक द्वारा खरीद लिया गया था। मालिक अरुण एवं रेवा चौहान अपनी मनमर्जी से प्रवासी मजदूरों से काम करवा रहा है। तमाम मजदूर अपनी मजदूरी लेकर मुक्ति प्रमाण पत्र के साथ घर जाना चाहते हैं और मालिक एवं मानव तस्कर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही चाहते हैं।

निर्मल गोराना ने  आरोप लगाया है कि लिखी शिकायत के बाद भी स्थानीय प्रशासन ने पिछले 4 दिन से मजदूरों की सुध नहीं थी।

बंधुआ मज़दूरों को मुक्त करने में कई अन्य जन संगठनों का भी सहयोग रहा है। जिसमें बंधुआ मुक्ति मोर्चा के सुभाष निंबालकर मौके पर पहुंचे, साथ ही एक्शन एड, ग्रामीण किसान मजदूर अभियान समिति द्वारा पूर्ण सहयोग किया गया।

संगठन  की  मांग  है कि ग्वालियर प्रशासन एवं मध्य प्रदेश सरकार तत्काल  मजदूरों की घर वापसी पुलिस सुरक्षा के साथ सुनिश्चित कर तत्काल मुक्त हुए मानव तस्करी के शिकार प्रवासी बंधुआ मजदूरों को पुनर्वास प्रदान करें।

गौरतलब है कि इससे पहले नेशनल कैंपेन कमेटी फॉर इरेडिकेशन ऑफ बॉन्डेड लेबर ने बीते 16 सितम्बर को छत्तीसगढ एवं जम्मू कश्मीर से 90 बंधुआ मजदूरों को बडगाम जिले के ईंट भट्टे से मुक्त कराया था।

वर्कर्स यूनिटी को सपोर्ट करने के लिए सब्स्क्रिप्शन ज़रूर लें- यहां क्लिक करें

(वर्कर्स यूनिटी के फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर सकते हैं। टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.