होंडा मानेसर से 500 ठेका मज़दूरों की छुट्टी, विरोध में मज़दूर कंपनी गेट पर बैठे

honda worker

(Nov 5, 2019)

होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया के मानेसर में स्थित प्लांट में लगातार छंटनी से तनाव का माहौल है। कंपनी ने 500 ठेका मज़दूरों को घर बैठा दिया है।

दरअसल दीपावली के तुरंत बाद 4 नवम्बर को कंपनी ने सभी ठेका मज़दूरों को सूचित करते हुए ये नोटिस दिया था कि ऑटोमोबाईल मार्केट की स्थिति खराब होने की वजह से कंपनी का प्रोडक्शन ठप पड़ चुका है।

नोटिस में ये भी बताया गया है कि आने वाले समय में भी इस स्थिति में सुधार के कोई आसार नहीं हैं लिहाजा कंपनी के दिशा निर्देशों के अनुसार नवम्बर, दिसम्बर, जनवरी, फ़रवरी की रिलिंविंग नवम्बर 2019 माह में की जा रही है, जिनकी ब्रेक अवधि तीन माह रहेगी।

कंपनी के इस फैसले से लगभग 500 ठेका मज़दूर फ़रवरी तक काम नहीं कर पाएंगे।

एक कैजुअल मज़दूर दिनेश ने वर्कर्स यूनिटी को मेल करके कहा है, “होंडा कंपनी आईएमटी मानेसर सेक्टर 3 प्लॉट नंबर 1, 2 के अंदर तकरीबन 800 कैजुअल को निकाला जा चुका है। ना कोई अग्रिम राशि दी गई और  बिना पैसों के ही सबको बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।

दिनेश के अनुसार, “सेक्टर 3 होंडा प्लांट में 400 कैजुअल को गेट पर रोक दिया गया है होंडा प्लांट के अंदर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। वर्करों को 10 से 12 साल प्लांट में काम करते हो गए हैं अब उनको बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।”

वर्कर्स यूनिटी को एक अस्थाई मज़दूर ने फ़ोन पर जानकारी देते हुए बताया कि मज़दूर कंपनी प्रबंधन के इस फैसले के विरोध में धरने पर बैठे हुए हैं।

मज़दूरों ने बताया कि कैजुअल मज़दूर यूनियन कंपनी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं।

तनाव देखते हुए कंपनी के बाहर भारी मात्रा में पुलिसबल तैनात किया गया है।

अस्थाई मज़दूर ने बताया कि लगभग 300 मज़दूर काम पर आने वाले थे पर पुलिस ने उनको कंपनी के बाहर ही रोक लिया।

बढ़ते तनाव को देखते हुए कंपनी ने एक और नोटिस जारी किया जिसमें कहा गया है कि ऑटोमोबाईल मार्केट की स्थिति खराब होने के कारण और प्रोडक्शन कम होने के कारण कंपनी प्रबंधन ने मज़दूरों को कंपनी के दूसरे प्लांट में नई ज्वाइंनिंग करने विकल्प दिया है।

इसके साथ ही नोटिस में ये भी कहा गया है कि जो मज़दूर इस ऑफर को स्वीकार नहीं करना चाहते वो अपना हिसाब लेकर काम छोड़ सकते हैं।

इस नोटिस के तहत मज़दूरों से कहा गया है कि जो मज़दूर इन फैसलों से सहमत नहीं है वह मार्केट के हालात सुधरने का इंतजार करें, नहीं तो अपना हिसाब लेकर काम छोड़ दें।

मज़दूरों से मिली जानकारी के अनुसार, जो मज़दूर हिसाब नहीं लेना चाहते उनसे भी जबरन हस्ताक्षर करवा कर हिसाब लेने का दवाब बनाया जा रहा है।

गौरतलब है कि कंपनी मज़दूरों की लगातार हो रही छटनी को लेकर मंदी का हवाला दे रही है, पर पत्रिका में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने सभी प्रदेशों में त्योहारी मांग पर अक्तूबर माह में 5 लाख से अधिक वाहनों की बिक्री की है।

ये सितंबर माह के मुकाबले सात प्रतिशत की बढ़ोतरी है। होंडा ने अक्तूबर माह में कुल 5,17,808 वाहनों की बिक्री की।

इसके साथ ही होंडा की घरेलू बिक्री में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 4,87,782 वाहनों की बिक्री की गई, वहीं एक प्रतिशत निर्यात वृद्धि के तहत 30,026 वाहनों की बिक्री हुई है।

मज़दूरों का कहना है कि असल में होंडा की कुल बिक्री में 23 फ़ीसदी का इजाफ़ा हुआ है जो उघोग जगत की 11 फीसदी वृद्धि से दोगुनी है।

वहीं इस मामले को लेकर वर्कर्स यूनिटी ने कंपनी के सीनियर सुपरवाइज़र चंदेश्वर पंडित से बात की तो उन्होंने नोटिस जारी करने की पुष्टि की है और कहा कि नोटिस कंपनी की तरफ से ही जारी किया गया है।

हालांकि उन्होंने मज़दूरों के धरने पर होने और कंपनी में तनाव की स्थिति होने से इंकार कर दिया।

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