डाईकिन यूनियन के प्रतिनिधि रुकमुद्दीन को मिला 4 साल बाद न्याय, नौकरी से निकाले जाने को ठहाराया गैरक़ानूनी

rukmuddin daikin union neemrana

राजस्थान के नीमराना में स्थित डाईकिन एयर कंडीशनिंग के कर्मचारी यूनियन के नेता रुकमुद्दीन को कंपनी से निकाले जाने के मामले में अलवर लेबर कोर्ट से जीत मिली है।

कंपनी प्रबंधन पर अवैध सेवा मुक्ति के मामले में चार साल से 33(2)(b) के तहत मुकदमा चल रहा था, जिसमें न्यायालय ने रुकमुद्दीन के पक्ष में फैसला सुनाया।

बीते 11 सितंबर को अलवर के लेबर कोर्ट ने रुकमुद्दीन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कंपनी द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी।

रुकमुद्दीन ने कहा कि, ‘सभी को हौसला बना कर रखना है। हमारे सभी साथियों को धीरे धीरे करके जीत मिलती रहेगी क्योंकि जीत हमेशा सच्चाई की होती है।’

रुकमुद्दी ने फ़ेसबुक पोस्ट के ज़रिये इस फैसले की सूचना दी और कहा कि ‘सभी स्थाई व ठेका श्रमिक हौसला बना कर रखें इंसाफ़ में टाइम लगता है।’

उन्होंने कहा, “मेरा केस 2016 से विचाराधीन था अब 2020 में न्याय मिला है। आप सभी साथियों के सहयोग व आप लोगों की दुवाओं का नतीजा ही अपनी जीत है।”

उल्लेखनीय है कि डाईकिन कंपनी में यूनियन को लेकर चली लंबी लड़ाई के बाद रजिस्ट्रेशन तो हो गया लेकिन प्रबंधन यूनियन को मान्यता नहीं दी है।

इसी को लेकर आठ जनवरी 2019 को बुलाई गई आम हड़ताल में डाईकिन यूनियन के मज़दूर और नीमराना क्षेत्र के अन्य मज़दूर एक रैली निकाल रहे थे जिस पर पुलिस और डाईकिन कंपनी के बाउंसरों ने हमला कर बुरी तरह मार पीट की थी।

असल में ये रैली डाईकिन कंपनी के गेट के सामने से निकली और मज़दूरों ने वहां यूनियन का झंडा लगाने की कोशिश की थी, बस इतनी बात पर वहां मौजूद बाउंसरों और पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। इसके बाद गुस्साए मज़दूरों ने पत्थरबाज़ी शुरू कर दी।

इस घटना में रुकमुद्दीन बुरी तरह घायल होकर वहीं बेहोश हो गए थे। पुलिस ने डाईकिन के सैकड़ों मज़दूरों को गिरफ़्तार कर लिया और अधिकांश पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। ये मुकदमा अभी भी चल रहा है।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसकेफ़ेसबुकट्विटरऔरयूट्यूबको फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिएयहांक्लिक करें।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.