विज्ञान की बुनियाद पर समझें, कोरोना महामारी से मजदूरों को कितना डरना चाहिए- भाग 5

By आशीष सक्सेना

माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ.बीआर सिंह की ही तरह ऑस्ट्रेलिया के विशेषज्ञों की राय सामने आई है। अग्रणी महामारी स्वास्थ्य विशेषज्ञ जेन हैल्टन का कहना है कि स्वास्थ्य अधिकारियों को तत्काल प्लान बी पर काम करने की जरूरत है। उनकी मशविरे को यूके वेबसाइट डेली मेल ने प्रकाशित किया है।

हैल्टन ने कोरोना वायरस के इलाज की खोज में लगे वैज्ञानिकों को उन्होंने चेताया है कि हमें कभी भी वैक्सीन नहीं मिल सकती। कभी नहीं का मतलब कभी नहीं। इसीलिए प्लान बी की सख्त जरूरत है।

उन्होंने कहा कि एचआईवी दशकों में लाखों लोगों को मार चुका है, उसका भी टीका नहीं है। हालांकि इस वक्त, दुनियाभर के वैज्ञानिक एक वैक्सीन विकसित करने के लिए छटपटा रहे हैं।

ये उम्मीद की जा रही है कि अगले साल की शुरुआत में वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। इस टाइमलाइन को वे अविश्वसनीय करार देती हैं। उन्होंने अवास्तविक अपेक्षा पैदा करने के खिलाफ ये कहकर चेताया है कि कई विश्व महामारी के खिलाफ सफल टीका नहीं बन सका है। एचआईवी 40 वर्षों से है, इसने केवल 2008 में ही 77 लाख लोगों की जान ली।

हैल्टन का कहना है कि बड़े-बड़े दावे सिर्फ उम्मीद है कि अमेरिका में वैक्सीन के मानव परीक्षण सफल होंगे। इससे सिर्फ खुशफहमी पैदा हो सकती है कि अगले साल के तक किसी वैक्सीन को मंजूरी दे दी जाए।

सच्चाई यही है कि अभी तक किसी ने भी सफलतापूर्वक कोरोना वायरस वैक्सीन विकसित नहीं की है, और ये भी सच है कि हमारे पास अभी भी एचआईवी के खिलाफ टीका नहीं है।

क्रमश: जारी…..

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