डीटीसी कर्मचारियों के आगे केजरीवाल सरकार ने घुटने टेके, वेतन कटौती का सर्कुलर वापस लिया

डीटीसी कर्मचारियों के सामूहिक आंदोलन के आगे आखिरकार दिल्ली की केजरीवाल सरकार को घुटने टेकने पड़े।

29 तारीख़ को डीटीसी कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने वेतन कटौती के सर्कुलर को वापस ले लिया।

डीटीसी कर्मचारी पिछले एक महीने से आंदोलित हैं और आठ दिन से ठेका कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हुए थे।

आखिरकार हड़ताल को लेकर मतदान हुआ और 98 प्रतिशत कर्मचारियों ने पक्ष में सहमति दी।

डीटीसी में 25 सालों में सबसे बड़ी हड़ताल

29 तारीख़, सोमवार को हड़ताल की घोषणा की गई लेकिन इससे पहले सरकार ने एस्मा लगा दिया।

फिर कर्मचारियों ने हड़ताल की और सप्ताह के पहले दिन होने के बावजूद डिपो से बसें नहीं निकलीं।

बताया जा रहा है कि ये 25 सालों में डीटीसी कर्मचारियों की सबसे बड़ी हड़ताल है।

इंद्रप्रस्थ, आज़ादपुरऔर कालकाजी डिपो के बाहर कर्मचारियों ने गेट बंद करवा दिया और धरने पर बैठ गए।

कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार का साथ देने और उनके वादे के बावजूद ठेका कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया।

डीटीसी कर्मचारियों की एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल। (फ़ोटो साभारः AICCTU)
डीटीसी कर्मचारियों की हड़ताल। (फ़ोटो साभारः AICCTU)

‘समान काम समान वेतन’ की मांग

कर्मचारियों की प्रमुख मांग थी- समान काम, समान वेतन। लेकिन सरकार ने बयान में अभी इस पर कोई वादा नहीं किया है।

गौरतलब है कि ठेका कर्मियों को वर्तमान में 481 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से वेतन दिया जाता है।

वर्कर्स यूनिटी को कर्मचारियों ने बताया कि ठेका कर्मचारियों का काफी शोषण किया जाता है और उन्हें हाज़िरी लगाने के बावजूद काम मुश्किल से दिया जाता है।

कर्मचारियों ने डीटीसी मैनेजमेंट में भारी भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए।

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