सिर्फ अधिकारियों को वेतन वृद्धि का लाभ देने से मज़दूरों में रोष

दोहरी नीति पर मज़दूरों ने दी आंदोलन की चेतावनी

हिमाचल प्रदेश के बद्दी(सोलन) में सोलर सेल बनाने वाली कंपनी जुपिटर में अधिकारियों की वेतन वृद्धि तो कर दी गई लेकिन मज़दूरों के वेतन में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नही की गई है।

प्रबंधन के इस फैसले से मज़दूरों में भारी रोष है। उनका कहना है कि कोविड काल में लॉकडाउन के समय में भी उन्होंने कंपनी में अपना पूरा कार्य किया। लेकिन दोहरी नीति अपनाकर मज़दूरों को वेतन वृद्धि से वंचित रखा गया।

दरअसल बद्दी के काठा में सोलर सेल बनाने वाली कंपनी जुपिटर के मज़दूरों की  वेतन वृद्धि के सवाल पर प्रबंधन ने ये सफाई दी कि कंपनी की स्थिती अच्छी नहीं हैं  जबकि कंपनी के उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों को बड़े स्तर पर वेतन बढ़ोतरी कर दिया गया।

इस कदम के बाद से मज़दूरों में रोष व्यापत है और उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर मज़दूरों का वेतन नहीं बढ़ाया गया तो उन्हें मजबूर हो कर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। इसकी जिम्मेदारी कंपनी प्रबंधक की होगी।

मज़दूरों का कहना है कि कंपनी अधिकारियों को जुलाई माह से ही वेतन बढ़ोतरी का दे रही है लेकिन मज़दूरों को इसकी सूचना नवंबर में मिली।

मज़दूरों का प्रबंधन पूछा है कि क्या कोविड के उस दौर में कंपनी की स्थिती अच्छी थी जो अधिकारियों के वेतन को बढ़ा दिया गया। यूनियन का भी कहना है कि मज़दूर कंपनी का सौतेला व्यवहार सहन  नहीं करेगें।

कंपनी प्रबंधकों की इस दोहरी नीति के चलते कामगारों में रोष पनप रहा है। मज़दूरों ने इसकी शिकायत श्रम अधिकारी को भी की है।

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