भारत में मई के मध्य तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 13 लाख होने की आशंका

corona virus in india hospitals and doctors

By हेना एलिस और पीटर्सन

देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच जहां सरकार दावा कर रही है कि भारत में फिलहाल सामुदायिक संक्रमण नहीं फैला है। वहीं, द गार्जियन की एक रिपोर्ट अलग कहानी कह रही है।

द गार्जियन की एक खबर के मुताबिक तीन अमेरिकी यूनिवर्सिटी और दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मई के बीच कोरोना संक्रमण के मामले 13 लाख होने की आशंका है।

कोरोना संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे डॉक्टर भी स्वास्थ्य उपकरणें के आभाव में काम करने को मजबूर हैं। उन्हें मास्क और दस्ताने जैसी बुनियादी चीजें पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रही हैं।

कोलकाता के अस्पताल में कार्यरत एक डॉक्टर ने कहा है कि ‘लगभग एक सप्ताह से हम कई कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज बिना उचित एहतियात के कर रहे हैं। हमने सबकुछ भगवान के भरोसे छोड़ दिया है।’

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सामुदायिक संक्रमण ना होने के सरकारी दावे को डॉक्टर ने भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि ‘पिछले कई दिनों से लोग तेज बुखार, खांसी और सर्दी के साथ लोग लंबी कतार में अपनी जांच के लिए आ रहे हैं।’

उन्होंने कहा, “ऐसे में कितने लोग संक्रमित हो सकते हैं इसका अंदाजा खुद लगाया जा सकता है। सरकार द्वारा जांच और इलाज के उचित प्रबंध नहीं किए गए तो स्थिति अनियंत्रित हो जाएगी।”

गौरतलब है कि भारत अपने सकल घरेलू उत्पाद यानी कुल जीडीपी का लगभग 1.3% सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खर्च करता है, जो दुनिया में सबसे कम है।

स्वास्थ्य पर बहुत मामूली खर्च करने का ही नतीजा है कि भारत में अब तक केवल 47,951 टेस्ट ही किए गए हैं। इसके अलावा देश भर में सरकार द्वारा सत्यापित सिर्फ 51 टेस्ट सेंटर हैं।

सबसे चिंता की बात है कि भारत की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती का इलाक़ा मुंबई में स्थित धारावी में कोरोना वायरस संक्रमण से पहली मौत का मामला प्रकाश में आया है।

धारावी की झुग्गी बस्ती में क़रीब 10 लाख लोग रहते हैं। 56 साल के इस व्यक्ति को सियोन हास्पीटल में ले जाया गया और उसके पारिवार के आठ लोगों को तनहाई में रखा गया है।

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130 करोड़ की आबादी वाले देश में बहुत कम जांच और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच के कारण अमेरिका और यूरोप के मुकाबले भले ही कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हों, हकीक़त में ये संख्या कहीं ज़्यादा हो सकती है।

देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या को लेकर दिल्ली में तबलीगी जमात द्वारा आयोजित मरकज पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

यहां दुनिया भर से करीब 3500 लोग एकत्रित हुए थे। दो दिन के कार्यक्रम के बाद काफी लोग चले गए थे। हालांकि आयोजनस्थल पर 2000 लोग मौजूद थे जिसे हाल ही में पुलिस ने खाली कराया।

इस घटना के सामने आने के बाद हाल ही में दंगे झेल चुकी राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण को हिंदू मुस्लिम का रंग दिए जाने की कोशिश की जा रही है।

बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 2,069 पहुंच गई है। जबकि इस वायरस से 53 लोगों की मौत हो चुकी है।

अंग्रेज़ी से हिंदी रूपांतरण किया है नवीन राय ने। मूल लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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