दिल्ली में ठेका सफाई कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, स्थाई काम की कर रहे हैं मांग

दिल्ली नगर निगम के ठेका सफाई कर्मचारियों ने शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।

हड़ताल के दूसरे दिन भी राजधानी के कई इलाकों में सुबह कूड़ा नहीं उठाया गया है। कई जगहों पर निजी सफाई कर्मचारियों को भी कूड़ा उठाने से रोका गया है।

ठेका सफाई कर्मचारियों ने दिल्ली नगर निगम समस्त यूनियन कोर कमिटी के साथ मिल कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है। हड़ताल कर रहे ठेका सफाई कर्मचारियों की मांग है कि उनको तत्काल स्थाई किया जाये।

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इससे पहले भी स्थाई रोज़गार की मांग को लेकर सफाई कर्मचारियों ने हड़तालें कीं हैं। लेकिन MCD की ओर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए हैं।

‘केवल दिया जा रहा है आश्वासन’

दिल्ली नगर निगम समस्त यूनियन कोर कमिटी के प्रेजिडेंट संत लाल चावरिया ने बताय कि हम लोग कई बार निगम अधिकारियों के आश्वासन के बाद हड़ताल को स्थगित कर देते हैं या खत्म कर देते हैं, लेकिन जो आश्वासन अधिकारी देते हैं उन्हें पूरा नहीं किया जाता। आज भी 20 साल से अधिक समय से कर्मचारी स्थायी होने की राह देख रहे हैं।

उनका कहना है कि जिन कर्मचारियों का निधन हो गया, उनके परिवार के लोग आज भी करुणामूलक आधार पर नौकरी पाने के लिए भटक रहे हैं। कर्मचारियों को एरियर तक नहीं मिला है। उनका आरोप है कि रिटायर कर्मचारियों को पेंशन तक नहीं मिल रही है।

चावरिया ने बताया कि शुक्रवार को MCD के साथ हमारी बैठक भी हुई थी। इस बार फिर अधिकारी यही चाहते हैं कि हड़ताल को ख़त्म कर दिया जाये। इसबार उन्होंने फिर से इस बात का आश्वासन दिया है सभी ठेका सफाई कर्मचारियों को स्थाई काम पर स्थाई रोज़गार दे दिया जायेगा। उनका कहना है कि लेकिन इस बार कर्मचारी तब तक हड़ताल खत्म नहीं करेंगे जब तक उनकी सभी मांगों को मान नहीं लिया जायेगा।

सामाजिक सुरक्षा के सारे दावे झूठे

ठेका मज़दूर के तोर पर काम करने वाले के मज़दूर ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि ” मैं पिछले 20 सालों से MCD में ठेका सफाई मज़दूरों हूँ, मेरे परिवार में कुछ सात सदस्य हैं जिनका पालन पोषण करना अब मुश्किल हो रहा गया।”

उनका कहना है कि एक तरफ सरकार लगातार हर सामान का दाम बढ़ती जा रही है, लेकिन हमारे वेतन में अभी तक कोई बदलाव नहीं किया गया है।

उन्होंने बताया कि उनको MCD के ठेकेदारों द्वारा न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। सामाजिक सुरक्षा के नाम पर मिलने वाली ESI और PF की भी कोई सुविधा नहीं दी जा रही है।

ठेका कर्मचारियों की मांग

ठेका सफाई कर्मचारियों की मांग है कि 20 साल से ठेके पर काम कर रहे सफाई कर्मचारियों नियमित किया जाये। केंद्र सरकार द्वारा घोषित महंगाई भत्ते की बढ़ोत्तरी को एमसीडी में लागू किया जाये, एफआर-17 नियम को खत्म किया जाये,  2004 से पक्के हुए कर्मचारियों का बकाया एरियर दिया जाए, करुणामूलक आधार पर लंबित मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए नौकरी दी जाए, सफाई कर्मचारियों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए कैशलेस इलाज स्कीम को जारी किया जाए, दीपावली का बोनस दिया जाए, स्कूलों में नियुक्ति किये गए सफाई कर्मचारियों वापस लिया जाये।

आप सरकार ने किया था वादा

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों में ठेका योजनाओं के तहत डॉक्टरों, नर्सों, शिक्षकों, सफाई कर्मचारियों सहित लगभग एक लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं।

‘आप’ ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इन कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने का वादा किया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (AICCTU) ने आरोप लगाया है कि “आप नेताओं ने सत्ता में आने से पहले दिल्ली में सभी ठेका कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। लेकिन उन्होंने अभी तक इसे पूरा नहीं किया है।

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उनका कहना है इस मुद्दे पर यूनियन के साथ ठेका कर्मचारियों ने भी अपनी सेवाओं को नियमित करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।”

(शशिकला सिंह द्वारा संपादित)

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