यमुना को प्रदूषण मुक्त कराने के लिए मथुरा से यमुनोत्री तक निकली यात्रा

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यमुना को प्रदूषण  मुक्त करने के लिए पांच दिनी यात्रा 22 मई को दिल्ली पहुंची। 18 मई को मथुरा से चली यमुना प्रदूषण मुक्ति जन-अभियान पांच राज्य से होते हुए 23 मई को मथुरा पहुंची जहां इसका समापन किया गया।

रविवार को दिल्ली एनसीआर पहुंची इस यात्रा का कौशाम्बी के बौद्ध विहार में स्वागत किया गया।

यात्रा में शामिल समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि “नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत यमुना की सफाई के लिए 4 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं तथा पिछले 30 सालों में कुल मिलाकर 7000 करोड़ रुपए से भी अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है।”

“यह सरकारी लापरवाही का स्पष्ट नमूना है कि जनता की कमाई का इतना बड़ा हिस्सा खर्च किए जाने के बावजूद भी यमुना साफ होने की जगह और ज्यादा प्रदूषित हो गई है।”

यात्रा के संयोजक सौरभ चतुर्वेदी ने बताया कि 18 मई को यह यात्रा उत्तराखंड के देहरादून ज़िले के लोहारी गांव पहुंची जहां एक बांध बनाने के लिए पूरा गांव डूब गया था। यहां लोगों से मुलाकात कर एक सभा की गई।

तिलाड़ी गांव

उन्होंने बताया कि 19 मई को तिलाड़ी गांव पहुंच कर 30 मई 1930 को स्थानीय राजा द्वारा कराए गए हत्याकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।

यह यात्रा 20 मई को यमुनोत्री पहुंची जहां से जल का सैंपल लिया गया। इस यात्रा में यमुना नदी के रास्ते में जगह जगह जल सैंपल भी इकट्ठा किया गया, ताकि पता चल सके कि कहां कितना प्रदूषण है।

21 तारीख को हरियाणा के यमुना नगर में पहुंच कर यमुना नदी के जल का सैंपल लिया गया और 22 को यह यात्रा दिल्ली पहुंची।

इस यात्रा के मुख्य संयोजक मुनीष कुमार जो कि समाजवादी लोकमंच के संयोजक हैं, ने बताया कि 11 सदस्यीय टीम सोमवार सुबह 7 बजे हथिनी कुंड बैराज का मुआयना किया।

उन्होंने कहा कि पांच राज्यों से होकर गुजरी इस यात्रा में यमुना नदी के प्रदूषण की समस्या के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए पर्चा वितरण, नुक्कड़ सभा, जन संपर्क आदि का सहारा लिया गया।

लंबे अभियान की शुरुआत

कौशाम्बी की सभा में संयोजक सौरभ चतुर्वेदी ने कहा कि यह यात्रा एक लंबे अभियान की शुरुआत है। आगामी दिनों में यमुना के पर्यावरणीय, आर्थिक, सांस्कृतिक, सामाजिक पहलुओं पर जन-जागरूकता हेतु विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे।

सभा को संबोधित करते हुए ललिता रावत और गोपाल लोदियाल ने कहा कि यमुनोत्री से निकलने वाली निर्मल, स्वच्छ यमुना के जल में औद्योगिक कचरे, सीवर के पाइप, व गंदगी डालकर बुरी तरह से प्रदूषित किया गया है। अंधे विकास के लिए अनेकों लोगों का जन-जीवन तबाह किया गया है।

दल ने केजरीवाल सरकार से मांग की कि यमुना में गिर रहे सभी प्रकार के गंदे नाले तथा औद्योगिक कचरे को यमुना नदी में गिराए जाने पर तत्काल रोक लगाई जाए तथा ट्रीटमेंट किए बगैर किसी भी तरह के सीवरेज व औद्योगिक कचरे को यमुना में गिराए जाने को गैर कानूनी अपराध घोषित किया जाए।

इस यात्रा में उषा पटवाल, ललिता रावत, सरस्वती, मुनीष कुमार, उपेंद्र नाथ चतुर्वेदी, योगेश सिंह, गोपाल लोदियाल समेत 11 लोग शामिल रहे। साथ ही आभियान को आगे बढ़ने के लिए सभा में कमलेश, धर्मेन्द्र, संजीव, इंद्रा खुराना, अश्विनी सुकरात, रमेश शर्मा, उदय कुमार, राकेश गुप्ता, सज्जाद अन्सारी, अमरजीत, नन्हे लाल, विपिन, श्वेता, अविनाश समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे

जहाँ एक तरफ केंद्र सरकार द्वारास्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है वही दूसरी तरफ मोदी सरकार द्वारा देश में नदियों की स्वक्षता पर भारी धन राशी खर्च करने के बाद भी कोई बदलाव नज़र नहीं आ रहा है।

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