रेलवे के ट्रैक मेंटेनर को नहीं होगा कोरोना, बिना सुरक्षा के रोजाना लिया जा रहा काम

Labour law india under modi regime

लॉकडाउन में भले ही रेलवे ने कम यात्रियों के होने का हवाला देकर ट्रेन बंद कर दीं, प्लेटफॉर्म टिकट पचास रुपये करके शेखचिल्लीपन को जाहिर किया, लेकिन यहां ट्रैक मेंटेनर्स को अमृत पीया हुआ माना जा रहा है।

कई रेलखंड में उनसे बिना सुरक्षा उपकरणों के काम पर लगाया हुआ है, जिससे मालगाडिय़ों का संचालन बदस्तूर जारी रहे।

रेलवे में यात्री गाड़ी बंद होने के साथ ही दफ्तर भी बंद हैं, लेकिन ट्रैक पर मालगाडिय़ों के सुरक्षित संचालन को वे ट्रैक मेंटेनर अभी भी जुटे हैं, जिनकी जान हमेशा ही जोखिम में रहती है।

उनको तमाम सुरक्षा उपकरण वैसे ही नहीं मिलते, और अब कोरोना बचाव के लिए भी दस्ताने, सैनेटाइजर नहीं दिए जा रहे। इसी स्थिति में कई दिन से पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल में डीआरएम दफ्तर से पचास मीटर दूर ट्रैक की ग्रीसिंग और पैकिन का काम चल रहा है।

ट्रैक मेंटेनर विजय कुमार ने बताया कि इस बारे में पहले दिन पीडब्ल्यूआई से ऐतराज जताया तो उन्होंने ऊपर रिपोर्ट भेजकर काम पर लगने को कह दिया।

आठ लोग जिस तरह काम कर रहे हैं, उसमें असुरक्षित होने पर संक्रमण की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं, क्योंकि नजदीक में रहकर ही काम किया जा सकता है।

लखनऊ मंडल से ये भी सूचना है कि ट्रैक मेंटेनर्स को एक्सपायरी डेट के साबुन बांट दिए गए, वो भी 40 लोगों पर एक ही साबुन दिया गया। कई जगह रोस्टर प्रक्रिया को भी अनदेखा किया जा रहा है।

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