कर्मचारी बकाया मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र और मोजर बेयर को नोटिस जारी

supreme court

(23, सितंबर, 2018) मोजर बेयर कर्मचारी यूनियन द्वारा कंपनी अधिनियम 327(7), 2013 की वैध्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मोजर बेयर इंडिया को नोटिस जारी किया।

कंपनी अधिनियम एक्ट 327(7), 2013 के तहत मज़दूरों के वैध बकाया से संबंधित है।

मोजर बेयर कर्मचारी यूनियन द्वारा दायर याचिका में 327(7) का हवाला देते हुए कहा है कि मोजर बेयर ने दिवालियापन का बहाना बनाकर कर्मचारियों का ग्रेचुटी, पेंशन आदि नहीं दिया।

याचिका में विस्तार से बताया गया है कि कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 326, कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 529 के समान है।

जिसके तहत दिवालियापन (बैंकरप्सी) कोड में वर्कर्स के बकाया को कहीं भी परिभाषित नहीं किया गया।

धारा 327(7) को रद्द करने के लिए अदालत में निवेदन

याचिका में दावा किया गया था कि वर्कमैन की बकाया राशि को इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड  (आईबीसी) शामिल नहीं किया गया है।

इस अधिनियम में एक और बड़ी कमी यह है की इसमें कर्मचारी का बकाया क्या होगा उसे भी परिभाषित नहीं किया गया है।

मोजर बेयर कर्मचारी यूनियन ने कंपनी अधिनियम की धारा 327(7) को रद्द करने के लिए अदालत से हस्तक्षेप करने का निवेदन किया है।

साथ ही कामगार के बकाय के वैधानिक दावों पर सुनवाई करने की मांग की है।

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गैरकानूनी तरीके से लॉकआउट

गौरतलब है कि मोजर बेयर कंपनी जो मुख्य रूप से सी.डी व डी.वी.डी का उत्पादन करती थी जिसे वर्ष 2017 में गैरकानूनी तरीके से लॉकआउट कर दिया गया।

दिल्ली से सटे मोजर बेयर के तीन प्लांट है। जिसमें कई हजार कर्मचारी कार्यरत थे।

अचनाक लॉकआउट के कारण वे सभी कर्मचारी रातों रात बेरोजगार हो गए।

मोजर बेयर यूनियन के 2,280  मजदूर डी.एम. के आवास के सामने  धरने पर भी बैठे थे।

साथ ही नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में उन्होंने आवेदन भी दर्ज कराया। इससे पहले कोर्ट ने इस लॉकआउट को गैरकानूनी घोषित किया था।

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18 महीनों में सिर्फ 2 बार वेतन मिला

उसके बाद उन्होंने अपनी इज्ज़त बचाने के लिए अगले दिन शासनादेश जारी करा दिया था।

मजदूरों को 1 सितंबर 2017 से अब तक कोई वेतन नहीं मिला।

कोर्ट में एप्लिकेशन दायर करने के बाद में केवल 15,000 एक बार और 17,000 एक बार, टोटल 32,000 रु. मिले यानी पिछले 18 महीनों में केवल 2 बार वेतन मिला है।

बीते दिनों मोजर बेयर कंपनी और कांग्रेसी नेता व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के घर आयकर के छापे के बाद मोजर बेयर का मुद्दा फिर से सुर्खियों में आया था।

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