श्रमिक स्पेशल ट्रेन में मरने के बाद भी आठ घंटे तक पड़ा रहा शव

shramik special train

श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रवासी मज़दूरों को उनेक गृहराज्य तक पहुंचाने के लिए चलाई गई है, लेकिन इसी ट्रेन में मज़दूरों की जान भी जा रही है और प्रवासी मज़दूरों को उन्ही शवों के साथ सफ़र भी करना पड़ रहा है।

श्रमिक स्पेशल ट्रेन में एक और मज़दूर की मौत होने की खबर आई है। राजस्थान से पश्चिम बंगाल जा रहे 50 वर्षीय एक मज़दूर की रास्ते में ही मौत हो गई।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मरने के आठ घंटे तक शव उसी तरह पड़ा रहा और कंपार्टमेंट में अन्य मज़दूर भी सफ़र कर रहे थे।

मृतक व्यक्ति का नाम बुद्ध परिहार था और वो बंगाल के मालदा जिले के हिरशचंद्रपुर के रहने वाले थे। परिहार पिछले 20 साल से राजस्थान के बीकानेर में एक होटल में काम कर रहे थे।

पुलिस के मुताबिक, 30 मई की रात 10 बजे, मुगलसराय के पास परिहार ने दम तोड़ दिया। परिहार की मौत के बाद पूरे कंपार्टमेंट में डर फैल गया।

लोगों को लगा कि उसकी मौत कोरोना वायरस से हुई है और वो भी इससे संक्रमित हो सकते हैं।

प्रवासी मज़दूरों को लेकर सरकार का हर दावा ज़ुमला साबित हो रहा है। सोशल मीडिया पर एक वीडियों वायरल हो रहा है जिसमें रेलवे के कर्मचारी मज़दूरों को खाने-पीने की चीजे फेक कर देते हुए अपशब्द भी बोल रहे हैं।

12 साल की बच्ची ने तीन मज़दूरों को हवाई जहाज से भेजा

सरकार ने भले ही प्रवासी मज़दूरों से अपना मुंह मोड़ लिया हो लेकिन अभी भी इस देश में कुछ लोग हैं जिन्हें इस समाज की जिम्मेदारियों का बखूबी एहसास है।

नोयडा में रहने वाली 12 साल की नीहारिका दिवेदी ने अपने जेब खर्च से बचाए हुए 48,000 हजार रुपए से तीन प्रवासी मज़दूरों को हवाई जहाज के जरिए उनके गृहराज्य झारखंड पहुंचाने का काम किया है।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, निहारिका ने कहा कि ‘इस समाज ने हमें बहुत कुछ दिया है, अब हमारी जिम्मेंदारी बनती है कि हम समाज को इस मुसीबत की घड़ी में कुछ दे।’

मध्यप्रदेश में मज़दूरों को कराना होगा रजिस्ट्रेशन

उत्तरप्रदेश सरकार के नक्शे कदम पर चलते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाहर जाने वाले मज़दूरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का ऐलान किया है।

मध्यप्रदेश सरकार के ट्विटर हैंडल से इस बात की जानकारी दी गई है।

ट्वीट में कहा गया है, ‘अन्य प्रदेशों में जाने वाले प्रवासी मज़दूरों का हम ध्यान रख सकें इसके लिए एक नई व्यवस्था बनाई है। प्रवासी मज़दूरों के कल्याण के लिए प्रवासी मज़दूर कमिशन बनाया जाएगा। हर प्रवासी मज़दूर का बाहर जाने से पहले कलेक्टर के पास रिजस्ट्रेशन कराया जाएगा।’

हालांकि विपक्षी दलों ने कहा है कि मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार सिर्फ सोशेबाज़ी कर रही है। जब प्रदेश में लाखों मज़दूर आ रहे हैं उनकी मदद की बजाए ऐलान और घोषणाओं से शिवराज सरकार काम चलाना चाहती है।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)