नौकरी से निकाले जाने के खिलाफ गौतम बुद्ध नगर यूनिवर्सिटी के गेट पर कर्मचारियों का धरना जारी

गौतम बुद्ध नगर यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा के प्रशासन द्वारा सैकड़ों संविदाकार सफाई कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के खिलाफ आंदोलनरत कर्मचारियों का यूनिवर्सिटी के गेट पर धरना 15 जुलाई को भी जारी रहा।

धरनारत श्रमिकों को सीटू जिला अध्यक्ष गंगेश्वर शर्मा व सीटू जिला महासचिव राम सागर ने संबोधित किया और कर्मचारियों के आंदोलन और उनकी जायज मांगों का समर्थन किया।

अखिल भारतीय किसान सभा के जिला प्रवक्ता डॉ रुपेश वर्मा ने संबोधित करते हुए मज़दूरों के आंदोलन का समर्थन किया और कहा कि मजदूरों की लड़ाई में किसान भी उनके साथ हैं।

साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन और सरकार की मज़दूर विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना किया और विश्वविद्यालय प्रशासन से कार्य से रोके गए सभी श्रमिकों को कार्य पर लिए जाने और उनका बकाया वेतन का भुगतान करने की मांग किया।

कर्मचारियों को संबोधित करते हुए सीटू नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा ने बताया कि, “गौतम बुध नगर विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा का संचालन शुरू होने के समय से ही कार्यरत सैकड़ों सफाई कर्मचारी स्थाई रूप से कार्य करते चले आ रहे हैं, लेकिन उन्हें श्रम क़ानूनों के तहत मिलने वाली विधिक सुविधाओं से विश्वविद्यालय प्रशासन और उनके संविदाकार वंचित रखते आ रहे हैं जिस के संबंध में समय-समय पर कर्मचारियों द्वारा आवाज उठाई जाती रही है”।

उन्होंने आगे कहा, “कोविड -19 के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान भी श्रमिकों को कार्य पर बुलाया गया, लेकिन उस दौरान कार्य किए गए 2 माह का वेतन का भुगतान नहीं किया वेतन भुगतान और श्रम क़ानूनों का पालन की श्रमिकों द्वारा मांग करने पर श्रमिकों को 15 जून 2020 से गैरकानूनी तरीके से कार्य से रोक दिया तभी से कार्य पर लिए जाने और वेतन का भुगतान की मांग को लेकर यूनिवर्सिटी के समक्ष भयंकर गर्मी व धूप में श्रमिक धरने पर बैठे हैं”।

लेकिन उनकी पीड़ा को कोई समझने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते श्रमिकों को कार्य पर नहीं लिया तो सीटू मजदूरों के साथ बड़ा आंदोलन करने को विवश होगी जिसकी जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी प्रशासन, जिला प्रशासन, श्रम विभाग और प्रदेश सरकार की होगी।

धरने में संजय, अमित, कपिल, देवेंद्र, नरेश, मामचंद, मनोज, शोभा, कला, सुनीता, सुंदरी आदि श्रमिकों ने हिस्सा लिया था।

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