इंडिया-चाईना विवाद- रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से हटा चीनी ‘अनधिकार हस्तक्षेप’ स्वीकार करने वाला डॉक्टूमेंट

चीनी सैनिकों ने मई महीने में लद्दाख में ‘अनधिकार हस्तकैप’ किया था…. ‘इस बात को मानने वाला एक प्रमाण भारतीय रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर मंगलवार को जाहीर किया गया था।

पर दो दिन के अंदर ही प्रमाण को वेबसाइट से हटा दिया गया।

बीबीसी हिंदी के अनुसार, ये प्रमाण रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर ‘वाट्स न्यू’ कॉलम में मौजुद था पर अब गुरूवार को यह पेज उपलब्ध नहीं है।

मंगलवार को जाहीर किए गए इस दस्तावेज में लिखा हुआ था, “पांच मई से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर, ख़ासकर गलवान घाटी में चीनी आक्रामकता लगातार बढ़ रही है। चीनी पक्ष ने 17-18 मई को कुंगरांग नाला, गोगरा और पैंगॉन्ग झील के उत्तरी किनारे पर चीनी पक्ष ने अतिक्रमण किया था।”

 

इस डॉक्यूमेंट को ‘चाइनीज़ अग्रेशन ऑन एलएसी’ नाम दिया गया था। इस में लिखा हुआ था कि, ‘हालात को नियंत्रण में रखने के लिए दोनों दल की सेनाओं के बीच बातचीत भी हुई थी।’

इसके बाद भी 15 जून को दोनों देशों के जवानों के बीच धक्का-मुक्की हुई, जिससे दोनों देश के सैनिक शहीद हुए

रक्षा मंत्रालय के इस बयान में कहा गया था कि पूर्वी लद्दाख में चीन के एकतरफ़ा आक्रामकता की वजह से हालात खराब हो रहे हैं।

डॉक्यूमेंट में कहा गया था, “ये इलाका लगातार नाज़ुक बना हुआ है इसलिए इस पर नज़दीक से ध्यान रखने और बदलती स्थिति को देखते हुए जल्द कार्रवाई की ज़रूरत है।”

 

विपक्ष का हमला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राहुल गांधी ने हमला बोलते हुए लिखा, “चीन का सामना करना तो दूर की बात, भारत के प्रधानमंत्री में उनका नाम तक लेने का साहस नहीं है। इस बात से इनकार करना कि चीन हमारी मातृभूमि पर है और वेबसाइट से दस्तावेज़ हटाने से तथ्य नहीं बदलेंगे।”

ट्विटर पर हुआ ट्रेंड  #ModijiJhootMatBolo

वेबसाइट से डॉक्यूमेंट गायब होने के बाद ट्विटर पर लोग मोदी जी झूठ मत बोलो (#ModijiJhootMatBolo) अभियान चला रहे हैं।

इसे लेकर लोग अलग-अलग तरह से ट्विट भी कर रहे हैं।

@nehajoychauhan नाम की एक ट्विटर यूजर ने लिखा , “झूठ से रिश्ता टूट सकता है। लेकिन कई झूठ एक अपमानजनक रिश्ते को तोड़ने के लिए पर्याप्त नहीं होंगे। आप जानते हैं कि शक्तिशाली के साथ हम किस तरह के संबंध साझा करते हैं”।
वहीं इससे पहले 20 जवानों की शहादत को लेकर प्रधानमंत्री ने 15 जून को पार्टी मीटिंग में कहा था कि,  “न वहां कोई हमारी सीमा में घुस आया है और न ही कोई घुसा हुआ है, न ही कोई पोस्ट दूसरे के कब्जे में है।”
प्रधानमंत्री के इस बयान  को चाइनीज़ मीडिया ने जम कर भुनाया था।

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