प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर बेरोजगारों का ‘हल्ला बोल’, प्रदर्शनों के तेवर से सकते में सरकार

By आशीष आनंद

चौतरफा बेरोजगारी और बेकारी से खफा युवाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर हल्लाबोल प्रदर्शनों की झड़ी लगा दी। ये प्रदर्शन महज विपक्षी दलों से जुड़े संगठनों की अगुवाई में नहीं, बल्कि उससे कहीं ज्यादा स्वतंत्र समूहों ने किए। विपक्षी दल जहां सरकार के लोकप्रिय वादों पर लोकप्रिय विधाओं से मीडिया की नजर में आने को आतुर रहे, वहीं स्वतंत्र समूहों ने युवाओं के अहसास को झकझोरा।

उत्तरप्रदेश के प्रयागराज और बरेली में इसकी बानगी दिखी। प्रयागराज में प्रदर्शन के तेवर देख प्रशासन ने लाठीचार्ज करा दिया। वहीं, श्रम व रोजगार मंत्री संतोष गंगवार के सांसद क्षेत्र मुख्यालय पर सैकड़ों युवाओं ने धरना, सभा, जुलूस, प्रदर्शन से प्रशासन को हद में रहने को मजबूर कर दिया।

स्वतंत्र समूहों के आह्वान पर जुटे युवाओं ने कहा कि भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकार ने युवाओं के भविष्य को अंधेरे में धकेल दिया है। नौकरियों के वादे अपनी जगह थे, जो झूठे निकले। लेकिन अब ये सरकारें और उनके समर्थक बेरोजगारों का मजाक बनाने पर उतारू हैं। चंद सिक्कों के लालच में इनके समर्थक आईटी सेल की सामग्री के नशे में युवा पीढ़ी को काहिल कह रही है। नौकरी के नाम पर सिर्फ झूठ परोसा जा रहा है।

आवेदन, परीक्षा, परिणाम का कोई अता-पता नहीं है। प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भरता की नसीहत फिजूल है। देश में शिक्षित और काबिल युवाओं के लिए नौकरी देना तो दूर, प्राइवेट नौकरी पाना और उसे करने के हालात बदतर हो चुके हैं।

उत्तरप्रदेश सरकार ने तो चयन के लिए इंतजार कर रहे और चयनित हो चुके युवाओं को संविदा पर पांच साल को भेजने का फरमान जारी कर दिया। सरकार समर्थकों से युवाओं ने कहा कि कोरोना महामारी का लॉकडाउन का असर सिर्फ आम लोगों को ही क्यों झेलना है, सत्ता के सहयोग से देश के चंद अमीर दुनिया के शीर्ष अमीरों में इसी बीच शामिल कैसे हो गए।

राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस मनाकर सरकार की मंशा और रवैये को जायज ठहराकर प्रदर्शनकारियों ने आगे की रणनीति बनाकर प्रदर्शन का ऐलान किया। यहां बता दें, राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस 17 सितंबर को पूरे दिन सोशल मीडिया ट्रेंड के टॉप पर रहा, जो युवाओं के गुस्से का नमूना है।

युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह समेत गिरफ्तार युवाओं की रिहाई की मांग

रोजगार बने मौलिक अधिकार की मांग पर युवा मंच ने प्रदेश में कई प्रमुख जगहों पर प्रदर्शन किया। इलाहाबाद, सोनभद्र, चंदौली, शामली, सीतापुर, बांदा, आजमगढ़, जौनपुर, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, मऊ, गाजीपुर, लखीमपुर आदि जगहों पर नौजवान बड़ी संख्या में सडक़ों पर उतरे।

इलाहाबाद के बालसन चौराहे पर हजारों की संख्या में युवाओं ने युवा मंच के बैनर पर भर्ती में संविदा प्रथा खत्म करने, खाली पदों को भरने, रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने, निजीकरण पर रोक लगाने जैसे सवालों को लेकर प्रदर्शन किया, जिस पर योगी सरकार की पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज किया और युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह, अमरेन्द्र सिंह सहित ग्यारह युवाओं की गिरफ्तार कर लिया।

आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आईजी एसआर दारापुरी, युवा हल्ला बोल के गोविन्द मिश्र, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष लाल बहादुर सिंह, वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर, युवा मंच के संयोजक राजेश सचान ने युवाओं पर हुए लाठीचार्ज व गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की।

उन्होंने कहा कि मोदी-योगी सरकार को युवाओं पर दमन ढाने की जगह रोजगार के सवाल को हल करना चाहिए. नेताओं ने सरकार से बिना शर्त अविलंब युवाओं की रिहाई की मांग करते हुए कहा कि दमन से युवा आंदोलन रूकने वाला नहीं है।

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