हरियाणा रोडवेज़ कर्मियों ने खट्टर सरकार से आर पार की लड़ाई ठानी, हड़ताल 29 तक चलेगी

हरियाणा रोडवेज़ कर्मचारियों की हड़ताल के 10वें दिन रोडवेज़ यूनियन ने हड़ताल की मियाद को चार दिन और आगे बढ़ा दिया है।

गुरुवार को यूनियन ने कहा कि अब हड़ताल 29 अक्टूबर तक चलेगी।

रोडवेज़ कर्मचारी 720 प्राइवेट बसों को परमिट जारी करने का विरोध कर रहे हैं।

नई भर्तियों और सरकारी बसों की संख्या बढ़ाने की मांग

उनका कहना है कि एक तरफ तो 720 नई प्राईवेट बसें चलाने की योजना बनाई जा रही है दूसरी ओर भर्तियों पर सरकार ने रोक लगा रखी है।

उनके अनुसार, ‘ना तो विभाग मे नई भर्तियां हो रही हैं और ना ही सरकारी बसों की संख्या ही सरकार बढ़ा रही है।’

 

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हरियाणा रोडवेज़ कर्मचारी बीजेपी की खट्टर सरकार से दो दो हाथ करने को तैयार। (फ़ोटोः अरेंजमेंट/मोहिंदर कपूर)

हड़ताल के नौवें दिन रोडवेज कर्मचारियों और मंत्री कृष्ण लाल पंवार के बीच हरियाणा निवास में बुधवार को क़रीब ढाई घंटे वार्ता चली।

इस वार्ता के विफल हो जाने के बाद यूनियन ने हड़ताल की मियाद बढ़ाने की घोषणा की।

हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी के सदस्य वीरेंद्र सिंह धनखड़, हरिराम शर्मा, दलबीर किरमारा व सरबत पूनिया के अनुसार, कर्मचारियों की प्रमुख मांग है छिपे तौर पर रोडवेज़ के निजीकरण को रोकना।

निजीकरण का हो रहा विरोध

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हरियाणा रोडवेज़ में निजीकरण के ख़िलाफ़ कर्मचारी लामबंद। (फ़ोटोः अरेंजमेंट/मोहिंदर कपूर)

उनका कहना है कि सरकार निजी बसों को परमिट देकर विभाग में कर्मचारियों की भर्ती को निष्प्रभावी करना चाहती है।

यूनियन ने जनता के नाम एक अपील भी जारी की है, जिसमें विस्तार से बताया है कि क्यों खट्टर सरकार के इस कदम को रोकना ज़रूरी है।

इस बीच पंजाब रोडवेज/पनबस कांट्रेक्ट वर्कर यूनियन (पंजाब) भी हरियाणा रोडवेज़ कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन किया है।

यूनियन ने चंडीगढ़ में एक रैली के दौरान पंजाब के बार्डर तक ही रोडवेज बसों को ले जाने की घोषणा की।

200 कर्मियों को टर्मिनेट किया

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हरियाणा रोडवेज़ कर्मचारियों की हड़ताल। (फ़ोटोः अरेंजमेंट/मोहिंदर कपूर)

इस बीच राज्य सरकार ने हड़ताल को तोड़ने के लिए अपनी पूरी ताक़त लगा दी है।

बुधवार को दो ड्राईवरों और दो कंडक्टर को नौकरी से टर्मिनेट कर दिया गया।

जबकि अनुबंध पर रखे गए क़रीब दो सौ कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है।

हड़ताल से क़रीब 300 कर्मचारी वापस काम पर लौट आए। बुधवार को क़रीब 1800 बसें सड़कों पर उतरीं जबकि स्कूल और कंपनियों के बसों की भी मदद ली गई।

ग़ौरतलब है कि दिल्ली की सरकारी रोडवेज़ सेवा डीटीसी के कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं।

(गुड़गांव से मोहिंदर कपूर के इनटपुर के आधार पर)

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