आज से 44 श्रम क़ानून ख़त्म, 4 लेबर कोड से चलेगा काम, नए क़ानून की प्रतियां जलाने का ऐलान

लेबर कोड के ख़िलाफ़ एक अप्रैल को पूरे देश भर में ट्रेड यूनियनें और मज़दूर संगठन नए श्रम क़ानूनों की प्रतियां जला रहे हैं। साथ ही एक अप्रैल को सुबह 11 बजे से जगह जगह प्रदर्शन किया जाएगा और सोशल मीडिया पर मोदी किल्स लेबर राइट्स हैशटैग (#ModiKillsLabourRights) से ट्वीट करने का आह्वान किया गया है।

मोदी सरकार ने 44 श्रम क़ानूनों को ख़त्म कर चार लेबर कोड बनाए हैं जो एक अप्रैल से लागू हो जाएंगे।

इनमें से तीन लेबर कोड लॉकडाउन के तुरंत बाद ही संसद बुलाकर कृषि क़ानूनों के साथ ही दोनों सदनों से पास कराया गया जबकि कोड ऑन वेजेज़ 2019 में ही पास हो गया था।

बाकी तीन लेबर कोड हैं- औद्योगिक सम्बंध (इंडस्ट्रियल रिलेशंस), सामाजिक सुरक्षा (सोशल सिक्युरिटी) और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशाएं (ऑक्युपेशनल सेफ़्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन्स)।

मोदी सरकार अब इन चारों लेबर कोड को एक अप्रैल 2021 से पूरे देश में लागू करने जा रही है और इसे लेकर ट्रेड यूनियनों और मज़दूरों में भारी असंतोष है।

इन लेबर कोड के लागू होने के साथ ही यूनियन बनाना, हड़ताल करना अपराध हो जाएगा और उसके लिए भारी ज़ुर्माना अदा करना पड़ेगा। सेफ़्टी और फैक्ट्री के अंदर के क़ानून लागू करना मालिक पर निर्भर करेगा और उसकी बात ही अंतिम सत्य होगी।

कारखाना अधिनियम, औद्योगिक विवाद अधिनियम, ट्रेड यूनियन एक्ट, बोनस एक्ट, पीएफ़ एक्ट आदि सबको ख़त्म कर दिया गया है। सरकार का कहना है कि इन सभी क़ानूनों को मिलाकर लेबर कोड बनाए गए हैं।

इन लेबर कोड के लागू होने से लेबर मार्केट में क्या स्थिति होने वाली है इसे वर्कर्स यूनिटी में समय समय पर पूरे विस्तार से बताया गया है जिसके कुछ लिंक नीचे दिए गए हैं।

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