बेलसोनिका के मज़दूर किसानों के सर्मथन में पहुंचे पलवल बार्डर

 

बेलसोनिका यूनियन के मज़दूरों ने कल  पलवल बॉर्डर पहुंच कर किसान आंदोलन को अपना समर्थन और इस सरकार की किसान मजदूर विरोधी नीतियों का विरोध किया।

किसान आंदोलन के लिए मजदूरों द्वारा एकत्र की गई धन राशि सहयोग व एकजुता के तौर पर इस बॉर्डर पर दी गई।

यूनियन के सदस्यों ने यहां पर मौजूद इस धरने को चला रहे नेतृत्वकारी लोगों से बातचीत की।

इस बार्डर पर मध्य प्रदेश, पलवल, हरियाणा, उड़ीसा और पंजाब से आए किसान आंदोलनकारी मौजूद हैं।

जिसमें वहां के लोकल एरिया के किसान भी उनकी भरपूर मदद कर रहे हैं और इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।

धरना स्थल पर मौजुद लोगों ने बातचीत के क्रम में कहा की मज़दूर और किसान ये ही दो उत्पादक वर्ग हैं और सरकार ने दोनों पर हमला बोल दिया है।

काले कृषि कानून और मजदूर विरोधी लेबर कोड को पास कर सरकार ने कारपोरेट परस्ती की इन्तहा कर दी है। कृषि का कारपोरेट के हाथ मे जाने से पूरे देश में भयंकर हालात हो जाएंगे कुछ ही सालों में किसान उजड़ कर मजदूरों की कतारों में धकेल दिए जाएंगे।

आई. एम. एफ (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) का कृषि कानूनों के समर्थन में वक्तव्य इस बात का सबूत है कि सरकार ने साम्राज्यवादियों के साथ भी सांठ गांठ की हुई है।

मजदूर यूनियन ने आगे भी आंदोलन का समर्थन करने का ऐलान किया है। 17 जनवरी  रविवार को भी कुछ साथी टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन के समर्थन में जाएंगे।

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