क्या 22 अक्टूबर से 14 लाख रेल कर्मचारी हड़ताल पर जा सकते हैं

रेलवे को निजीकरण की पटरी पर दौड़ाने के खिलाफ आक्रोश रेलवे कर्मचारियों के बोनस की मांग भी पूरी न होने से बढ़ गया है। रेलवे कर्मचारियों के सबसे बड़े और पुराने फेडरेशन एआईआरएफ (ऑल इंडिया रेलवेमैंस फेडरेशन) ने 20 अक्टूबर तक बोनस न मिलने पर ‘डायरेक्ट एक्शन’ में उतरने का ऐलान किया है।

हालांकि, ये स्पष्ट नहीं किया गया है कि ये डायरेक्ट एक्शन होगा क्या! अलबत्ता, बरसों से हड़ताल का नोटिस होने का दावा करने वाली एआईआरएफ और निजीकरण के विरोध के दौरान हड़ताल की चेतावनी से ये कयास लगाया जा रहा है कि शायद कर्मचारी काम बंद कर देंगे यानी हड़ताल होने के आसार हैं।

14 लाख रेलवे कर्मचारियों में बोनस को लेकर खासा असंतोष है। इसकी एक वजह ये भी है कि हर साल ये बोनस शारदीय नवरात्र शुरू होने से पहले मिलता रहा है। लेकिन इस बार नवरात्र के दिन शुरू होने के बाद भी बोनस को लेकर सरकार की चुप्पी है।

ट्रेड यूनियन नेताओं का कहना है कि लॉकडाउन में पूरे देश में खानपान से लेकर आवश्यक आपूर्ति बहाल रखने को रेलवे कर्मचारियों ने सातों दिन चौबीस घंटे काम किया, इसके बावजूद अब तक बोनस न मिलना रेल मजदूरों के साथ धोखा है।

एआईआरएफ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा, ‘बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि रेल मंत्रालय द्वारा 20 अक्टूबर तक रेलवे से उत्पादकता से जुड़े बोनस के भुगतान के आदेश जारी नहीं किए जाते हैं, तो 22 अक्टूबर, 2020 को सीधी कार्रवाई की जाएगी।’

सीधे कार्रवाई में हड़ताल, कार्य बहिष्कार या देशव्यापी विरोध प्रदर्शन, क्या होगा, ये स्पष्ट नहीं किया गया है। फेडरेशन ने रेलवे के निजीकरण, पेंशन, महंगाई भत्ते संबंधित मुद्दों पर भी चिंता जताई है।

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