किसान आंदोलन को मिला मजदूर यूनियनों का साथ, सैकड़ों की तादाद में टिकरी बॉर्डर पहुंचे शिक्षक

पिछले करीब 200 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों को अब केंद्रीय ट्रेड यूनियन का समर्थन मिलने वाला है।

दरअसल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ऑफ पंजाब के नेतृत्व में बुधवार को सैकड़ों की संख्या में टीचर टिकरी बॉर्डर पर पहुंचे।

किसान संगठनों ने इसके लिए केंद्रीय ट्रेड यूनियन का धन्यवाद किया है जो किसानों के आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर 26 जून को ”कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ” कार्यक्रम का समर्थन करते हुए अपना योगदान देंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा के तरफ से जारी बयान में कहा गया, ”किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन करते हुए 26 जून को सात महीने पूरे होने वाले हैं। ऐसे में किसान संगठन देशभर में कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस मनाने जा रहे हैं।”

मोर्चा ने कहा , ”इसके अलावा कई जगहों पर कॉरपोरेट हाउस आउटलेट्स, टोल प्लाजा और अन्य जगहों पर स्थानीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन जारी है। पंजाब में 100 से ज्यादा जगहों पर ऐसे पक्के मोर्चा जारी हैं, कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन के 250 दिन से ज्यादा हो रहे हैं।”

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल की तरफ से जारी बयान में कहा गया, ”भारत के लाखों मजदूरों का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय ट्रेड यूनियन के साथ ही अन्य ट्रेड यूनियनें निरंतर सक्रिय रूप से संयुक्त किसान मोर्चा की तीन कृषि कानूनों और बिजली विधेयक को रद्द करने के अलावा एमएसपी को कानूनी गारंटी देने की मांगों का समर्थन करती हैं। 26 मई को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पूरे देश में लाखों मजदूरों ने अपना योगदान दिया था। अब दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने एक बार फिर 26 जून को पूरे देश में आयोजित होने वाले कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस को समर्थन दिया है।”

संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि आंदोलन के विभिन्न मौर्चों पर एक दफा फिर से बड़ी संख्या में आंदोलनकारी पहुंच रहे हैं।

(साभार-नवभारत टाइम्स)

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