coffee plantation workers

“हमसे पूछिए आज़ादी के असली मायने” : कॉफी बागानों के बंधुआ मज़दूरों की आपबीती

दोपहर का समय है,चिलचिलाती धुप में कोडागु के एक स्थानीय बाज़ार में 40 वर्षीय रमेश अपने एक रिश्तेदार से लम्बे समय के बाद टकरा जाते हैं. ढेर सारी बातों के …

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