मोदी – भारत के जैकब जुमा….

By प्रबल प्रताप शाही

जैकेब जुमा़ के नाम से शायद ही बहुतायत भारतीय परिचित हो, आइए जैकब जुमा़ को विस्तार से समझा जाए, यह दक्षिण अफ्रीका के एक समय के बहुत लोकप्रिय राष्ट्रपति थे जो आजकल जेल में है। अब आपके दिमाग में सवाल आएगा की लोकप्रिय और जेल का क्या वास्ता है?

जब कोई भी अपने देश में बहुत लोकप्रिय होता और अगर वह सत्ताधीश है, तो कुछ समय में वह अपने को ईश्वर समझने की भूल करता है, उसे लगने लगता है यह देश, संसाधन पर हक उसका है, वह चाहे तो इसका खुद दोहन कर सकता है या दूसरों से दोहन करवा सकता है।

जैसाकि जैकब जुमा़ ने किया, अपने मित्र भारतवंशी गुप्त बंधुओं को दक्षिण अफ्रीका के बंदरगाह, एयरपोट॔ , बिजली , खेती की जमीनों रेल ,मीडिया या कहे पूरे दक्षिण अफ्रीका के संसाधन दे दिय। अब सवाल आता है कि जैकब जुमा़ ने ऐसा क्यों किया ?

जैकब जुमा़ जब अपने राष्ट्रपति पद की ओर अग्रसित थे या कहें कि चुनाव के दौर में थे, तो इन गुप्ता बंधुओं (जोकि 1991 में भारत से (सहारनपुर ,उत्तर प्रदेश) से दक्षिण अफ्रीका कारोबार के सिलसिले में गये थे।) ने बड़ी मदद की। यहां तक मदद ही नहीं की, जुमा़ के परिवार जन को अपने कंपनियों मे उच्च पदों पर आसीन किया या कहे साझीदार बना दिया। जिसका गुप्ताबंधुओं को यह फायदा हुआ, कि जैकब जुमा़ के राष्ट्रपति बनने के बाद गुप्ता बंधुओं को दक्षिण अफ्रीका कारोबार पर एकाधिकार हो गया।

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विरोध के बाद छोड़ा राष्ट्रपति पद

परंतु कुछ वर्ष में जैकब जुमा और गुप्ता बंधुओं के नापाक गठबंधन का भांडा फूटता है देश में विरोध होता है, और अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस के अंदर विरोध उपजने के कारण जैकब जुमा़ को राष्ट्रपति पद छोड़ना और जेल जाना पड़ता है। गुप्ता बंधुओं रातों रात दक्षिण अफ्रीका छोड़कर संयुक्त अरब अमीरात पहुंच जाते है। आजकल इन गुप्ता बंधुओं पर इंटर पोल की रेड कान॔र नोटिस है। परंतु वह मजे से अपना जीवन दुबई से लेकर अबु धाबी में जी रहे।

यही कुछ आजकल भारत में हो रहा है। 2014 मे अडानी के विमान उड़कर नरेंद्र मोदी अपने प्रधानमंत्री बनने के सपने को पूण॔ करते है। प्रधानमंत्री बनने के बाद वही जैकब जुमा़ माडल को अपना कर अडानी को भारत के एयरपोर्ट, बंदरगाह,कोयला,बिजली, मीडिया, रेल ,कंटेनर, खाद् गोदाम ,खेती की जमीनें दे दिया।

भारत के जनता के पैसे पर चलने वाली भारतीय स्टेट बैंक और एल .आई .सी से हजारों करोड़ रूपये अडानी को दिलवाने का काम नरेंद्र मोदी ने किया।

नरेंद्र मोदी ने एक कदम आगे बढ़कर आस्ट्रेलिया मे कोयला खदान , बंग्लादेश में बिजली बेचने का समझौता, श्रीलंका में बिजली कारोबार ,इजरायल का बंदरगाह अडानी को दिलवाने में अहम भूमिका निभाई।

वह तो हिंडनबग॔ की रिपोर्ट के कारण अडानी के नापाक बिजनेस का भांडाफोड़ हुआ। कि कैसे बैनामी कंपनियों के माध्यम से गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी ने मॉरीशस,सिंगापुर ,दुबई अन्य टैक्स हेवन देशों से कैसे अडानी समूह के शेयरों मे निवेश कर, छद्म तरीकों से शेयर के दाम बढ़ाकर छोटे निवेशकों को अडानी समूह के शेयर खरीदने के लिए लालायित किया गया।

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अडानी समूह ले डूबा करोड़ों रूपये

इस आथि॔क अपराध के कारण करोडो निवेशकों के लाखों करोड़ रूपये डूब गये, जब अडानी शेयर गोता खाने लगे। यहां तक एल आई सी के 50,000 करोड़ रूपये डूब गये।

एक समय जो गौतम अडानी दुनिया के दूसरे नंबर के अमीर बन गये थे, वह आजकल 3 वें नंबर पर पहुंचे।
नरेंद्र मोदी के कृपा और संरक्षण के कारण गौतम अडानी ने 2013 -14 में 600 वे नंबर के अमीर व्यक्ति से जनवरी 2023 तक विश्व के दूसरे नंबर के अमीर व्यक्ति बनने का सफर पूरा किया।

संसद मे अडानी कांड पर विपक्ष के विरोध के बावजूद सरकार जेपीसी बनाने को राजी नहीं हुई। अंततः सुप्रीम कोर्ट ने एक जांच कमेटी गठित की है, जो इस पूरे अडानी कांड की जांच करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने अडानी शेयर कांड के जांच करेगी। आशा है कि दक्षिण अफ्रीका के जैकब जुमा की तरह भारत में भी मोदी का तिलिस्म टूटेगा।

(किसान नेता एव राजनीतिक विश्लेषक)

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