modi nitish

सुशासन बाबू नीतीश क्यों नहीं बुला रहे बिहार के मज़दूरों को वापस?- नज़रिया

By अनामिका, शोधार्थी 1960 में एक फ़िल्म आई थी, ‘उसने कहाँ था’। हिन्दी के सुप्रसिद्ध कहानीकार चन्द्रधर शर्मा गुलेरी के कहानी पर आधारित है। फिल्म का एक दृश्य है जिसमें …

सुशासन बाबू नीतीश क्यों नहीं बुला रहे बिहार के मज़दूरों को वापस?- नज़रिया पूरा पढ़ें
modi in lockdown

जब जब मोदी ने दिलासा दिया, कोरोना के मामले दोगुनी रफ़्तार से बढ़े

By सुनील कुमार 24 मार्च, 2020 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने रात 8 बजे घोषणा की थी कि रात 12 बजे से पूरे देश में लॉकडाउन …

जब जब मोदी ने दिलासा दिया, कोरोना के मामले दोगुनी रफ़्तार से बढ़े पूरा पढ़ें
worker at bidisha bypass family

मजदूरों के जख्मों पर राहत पैकेज का फाहा कितना कारगर होगा- नज़रिया

By आशीष सक्सेना लॉकडाउन के चौथे चरण की शुरुआत होने वाली है और मजदूरों के कदम नहीं ठहरे हैं। मजदूरों को जो जख्म अब तक मिले हैं, उन पर सरकार के …

मजदूरों के जख्मों पर राहत पैकेज का फाहा कितना कारगर होगा- नज़रिया पूरा पढ़ें
news paper against workers

सारे अख़बार, टीवी चैनल श्रम क़ानूनों को ख़त्म करने का क्यों मना रहे जश्न?

By सुशील मानव भाजपा शासित तीन राज्यों गुजरात, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश मेंअध्यादेश के जरिए मजदूरों के अधिकारों को संरक्षित करने वाले श्रम कानूनों को तीन साल तक के लिए स्थगित …

सारे अख़बार, टीवी चैनल श्रम क़ानूनों को ख़त्म करने का क्यों मना रहे जश्न? पूरा पढ़ें
marx and ambedkar

जब मार्क्स और अम्बेडकर की वैचारिक ज़मीन एक, फिर इनके अनुयायी एक क्यों नहीं? – नज़रिया

By लखमीचंद प्रियदर्शी सामान्यतः यह देखा जाता है कि लोग अमीर हों या ग़रीब, ताकतवर हों या कमज़ोर, गोरे हों या काले या अन्य किसी रंग के, वे प्रत्येक जगह …

जब मार्क्स और अम्बेडकर की वैचारिक ज़मीन एक, फिर इनके अनुयायी एक क्यों नहीं? – नज़रिया पूरा पढ़ें

क्यों इस बार मई दिवस पर सिर्फ काम के घंटे पर चर्चा बेमानी है – नज़रिया

By आशीष सक्सेना कोरोना वायरस की महामारी ने सभी की दुनिया और समाज के बारे में समझदारी बढ़ा दी है। तमाम गलतफहमियों और खुशफहमियों को दूर कर सच्चाई से रूबरू कराया …

क्यों इस बार मई दिवस पर सिर्फ काम के घंटे पर चर्चा बेमानी है – नज़रिया पूरा पढ़ें
assault on workers

कोरोना ने ग़रीबों मज़दूरों के ख़िलाफ़ सरकार की नफ़रत को बेनकाब कर दिया है – नज़रिया

By हेमंत कुमार झा पिछले दिनों ब्रिटिश अखबार ‘द गार्डियन’ में कैम्ब्रिज युनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड रोंचमैन का एक लेख प्रकाशित हुआ था, “कोरोना वायरस ने राजनीति को स्थगित नहीं …

कोरोना ने ग़रीबों मज़दूरों के ख़िलाफ़ सरकार की नफ़रत को बेनकाब कर दिया है – नज़रिया पूरा पढ़ें
stranded workers go home barefoot

संकट की घड़ी में साथ न दिया तो इंसानियत खत्म समझो – नज़रिया

By चंद्रशेखर जोशी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के डमडे गांव के गरीब घर का संजू दिल्ली में किसी ढाबे में काम करता था। लाकडाउन के बाद उसे ढाबा मालिक ने …

संकट की घड़ी में साथ न दिया तो इंसानियत खत्म समझो – नज़रिया पूरा पढ़ें
modi in lockdown

कोरोनाः अमीरों से प्यार, मज़दूरों की उपेक्षा और मध्यमवर्ग की कमर तोड़ती नरेंद्र मोदी सरकार

By डॉ. सिद्धार्थ नरेंद्र मोदी सरकार ने कोविड-19 संकट से लड़ने और इसके आर्थिक मार के सर्वाधिक शिकार मेहनतकश 13 करोड़ परिवारों की मदद के लिए संसाधनों की कमी की …

कोरोनाः अमीरों से प्यार, मज़दूरों की उपेक्षा और मध्यमवर्ग की कमर तोड़ती नरेंद्र मोदी सरकार पूरा पढ़ें

मजदूरों के सामने अब आजीविका नहीं, जिंदगी बचाने की जंग

By आशीष सक्सेना भयावह हालात सिर्फ प्रवासी मजदूरों के ही नहीं, उनके भी हैं जो किसी भी तरह अपनी रोजी-रोटी परिवार के साथ रहकर चलाते हैं। शहरों में यहां तक नौबत …

मजदूरों के सामने अब आजीविका नहीं, जिंदगी बचाने की जंग पूरा पढ़ें