छत्तीसगढ़: आदिवासी इलाक़े में हवाई बमबारी, हेलिकॉप्टर से अंधाधुंध गोलीबारी का आरोप, एक महिला माओवादी की मौत

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By शंकर, सुकमा, छत्तीसगढ़ से

छत्तीसगढ़ के सुकमा, बीजापुर सीमांत इलाक़े में  सुरक्षा बलों द्वारा हवाई बमबारी किए जाने के आरोप लगे हैं। दावा किया जा रहा है कि माओवादी सर्वोच्च कमांडर हिड़मा की इस हमले में मौत हो गई है लेकिन माओवादियों ने इसका खंडन किया है।

छत्तीसगढ़ में माओवादियों के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की प्रवक्ता ने  एक प्रेस नोट जारी कर हवाई बमबारी के बाद बम के पुर्जों की तस्वीरें मीडिया को जारी की हैं।

इस प्रेस नोट के मुताबिक  यह एयर स्ट्राइक  बीते 11 जनवरी को अंजाम दिया गया। 11 जनवरी की सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक लगातार हवाई हमला किया गया है। पामेड़, किस्टाराम के सरहदी इलाकों में मेट्टागुड़ा, साकिलेर, रासापल्ली, कन्नेमर, बोतलंका समेत एर्रापाड़ गांवों में सैकड़ों बम गिराए गए हैं।

इस हमले में पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी  (PLGA) ने एक महिला सदस्य पोट्टम हुंगी के मारे जाने की बात कही है।

प्रवक्ता समता ने जारी इस विज्ञप्ति में इस हमले की निंदा करते हुए कहा  गया  है कि  केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह  के आदेश पर वायुसेना और एनएसजी  के कमांडरों ने  हेलिकॉप्टरों  से  बीजापुर जिले के सरहदी इलाकों के गावों  और खेत-खलिहानों पर अंधाधुंध बम और गोलियां  बरसाईं।

सबूत के तौर पर माओवादियों ने कुछ अवशेष की तस्वीरें भी जारी की है।  प्रेस नोट में  कहा गया है कि इस हमले के जवाबी कार्रवाई में  सुरक्षा बल के 6  कमांडो ज़ख़्मी हुए हैं।

इस प्रेस नोट में कहा गया है कि इस तरह हवाई हमले को लेकर आदिवासी ग्रामीणों में भय का वातावरण बना हुआ है,  और  ग्रामीण खेतों में काम करने में डर रहे हैं।

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नक्सली कमांडर हिड़मा की मौत का खंडन

समता ने विज्ञप्ति में लिखा है कि, मीडिया में ऐसा प्रचार किया जा रहा है कि नक्सली कमांडर हिड़मा की मौत हो गई है, जबकि, वो जिंदा है और सुरक्षित हैं।

आरोप लगाया है कि अप्रैल 2021 से जनवरी 2023 तक बस्तर के अलग-अलग इलाकों में कुल 3 बार हवाई हमले किए गए।

बस्तर की प्राकृतिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और कॉर्पोरेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से पूरे संभाग में सैकड़ों पुलिस कैंप स्थापित किए जा रहे हैं। हजारों जवानों की तैनाती की जा रही है।

समता का कहना है कि, सरकारें स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के नाम पर पुलिस में भर्ती कर रही है।

वहीं  दैनिक भास्कर की  रिपोर्ट के अनुसार, बस्तर के आईजी सुंदरराजन पी ने एक दिन पहले बयान देते हुए इसे फोर्स को बदनाम करने की नक्सलियों की साजिश बताया था।

IG ने कहा था कि, बस्तर में माओवादियों की ताकत अब धीरे-धीरे कम होती जा रही है। उनके पैरों से जमीन खिसक रही है, इसलिए वे बौखलाए हुए हैं।

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