जर्मनी में विशाल हड़ताल: वेतन वृद्धि की मांग को लेकर सडकों पर उतरे हज़ारों परिवहन कर्मी, 2300 से अधिक उड़ाने रद्द

जर्मनी में वेतन वृद्धि की मांग को लेकर परिवहन विभाग के कर्मचारियों द्वारा आज, 27 मार्च को विशाल हड़ताल का आयोजन किया गया।

सार्वजनिक परिवहन विभाग के हजारों कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो मज़दूर संघ ट्रेड यूनियनों ईवीजी और वेर्दी लेबर यूनियन ने कर्मचारियों के साथ वेतन वृद्धि का सफल समझौता नहीं होने के कारण हड़ताल का आवाह्न किया है।

सोमवार को हुई इस हड़ताल के कारण हवाई अड्डों पर हजारों उड़ानों को रद्द कर दिया गया।

फ्रैंकफर्ट, म्यूनिख और हैम्बर्ग समेत 7 जर्मन हवाई अड्डों पर हड़ताल के चलते करीब 3,00,000 यात्रियों को परेशानियों का सामना कारण पड़ा। इस दौरान विभिन्न एयरलाइन की 2300 से अधिक उड़ानों को रद्द कर दिया गया।

जर्मन रेल ऑपरेटर डॉयचे बान ने गुरुवार को घोषणा की थी कि राष्ट्रव्यापी परिवहन हड़ताल के कारण सोमवार को लंबी दूरी की ट्रेनें नहीं चलेंगी।

Schengen visa news के मुताबिक ट्रेड यूनियन ईवीजी और वेर्दी लेबर यूनियन ने सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के कर्मचारियों के साथ वेतन वृद्धि का सफल समझौता नहीं होने के कारण हड़ताल की घोषणा की है।

यूनियन अपने सदस्यों के वेतन में 10.05 प्रतिशत या कम से कम 500 यूरो की वृद्धि की मांग कर रहा है ताकि जर्मनी को महंगाई में वृद्धि की मार से बचाया जा सके।

 यूनियनों ने क्या कहा ?

कर्मचारियों की इस हड़ताल से जर्मनी में ट्रेन, विमान, समुद्री नौवहन और स्थानीय पारगमन प्रभावित हुए हैं।
दरअसल, यूक्रेन युद्ध और कोरोना महामारी के कारण जर्मनी में खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि के चले महंगाई दर 8 फीसदी हो गयी है। इसी कारण मज़दूर यूनियनों ने वेतन की मांग की है।

वर्डी के प्रमुख फ्रैंक वर्नेके ने कहा कि कर्मचारियों की हड़ताल का पूरे देश में प्रभाव पड़ेगा।

जर्मन हवाईअड्डा संघ एडीवी ने होटल से पहले ही सरकार को यहां चेतावनी दी थी कि हड़ताल के कारण लगभग 3,80,000 यात्री “अपनी उड़ानें नहीं ले पाएंगे”।

बर्लिन को छोड़कर सभी जर्मन हवाईअड्डों पर काम करने वाले लगभग 1,20,000 वर्डी कर्मचारी, जर्मनी के 16 राज्यों में से 7 में स्थानीय ट्रांजिट कर्मचारी और राजमार्ग और बंदरगाह कर्मचारियों ने सोमवार को आयोजित हड़ताल में हिस्सा लिया।

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क्या हैं मांगें ?

सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 2.5 मिलियन कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि की मांग का प्रतिनिधित्व वेर्दी लेबर यूनियन द्वारा किया जा रहा है।
वहीं, डॉयचे बान और बस कंपनियों के 2,30,000 कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व रेलवे और परिवहन यूनियन EVG द्वारा किया जा रहा है।

EVG ने अपनी मांगों में कर्मचारियों के लिए 12 फीसदी वेतन वृद्धि की मांग की है जबकि वेर्दी लेबर यूनियन 10.5 फीसदी वेतन वृद्धि की मांग कर रहा है।

गौरतलब है कि जर्मनी में बीते 31 सालो में पहली बार इतनी विशाल हड़ताल हुई है। इस हड़ताल के कारण आज पूरा जर्मनी बंद है।

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