राजस्थान में 1,10,000 वर्कर्स में से सिर्फ 10,000 होंगे नियमित

राजस्थान सरकार ने 1,10,000 कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को नियमित करने का फैसला किया है। इसके लिए इन्हें राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 में शामिल किया गया है।

सरकार नियमितीकरण के लिए अन्य सेवा से आईएएस पैटर्न के तहत उनके अनुभव की गणना करने जा रही है। इसके आधार पर ही कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को नियमित किया जाएगा।

वेकन्सी मित्रा के मुताबिक सरकार के इस फैसले का कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स ने विरोध किया है। कॉन्ट्रैक्ट वर्कर का कहना है कि इस तरह से केवल 10,000 वर्कर्स ही नियमित हो पाएंगे और 1,00,000 वर्कर्स इस दौड़ से बाहर हो जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले साल अक्टूबर में कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को नियमित करने के उद्देश्य से ‘राजस्थान संविदा भर्ती से सिविल पोस्ट नियम, 2022’ को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।

सरकार ने बजट 2023-24 में कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को पूर्व अनुभव के आधार पर नियमित करने के वाले पैटर्न को लागू करने की घोषणा की है।

इसमें 3 साल के काम को 1 साल माना जाएगा। यानी 15 साल की सेवा को 5 साल माना जाएगा। इसके अनुसार सरकार एक तिहाई नियम से 15 साल पूरे करने वाले कार्मिकों को नियमित करेगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे में राज्य के एक लाख कर्मियों का काम करने का समय 15 साल से काम है।

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किस विभाग में कितने कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स है ?

शिक्षा विभाग में 41423 शिक्षाकर्मी, पैरा टीचर, ग्राम पंचायत, अंग्रेजी माध्यम अध्यापक हैं। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज में 18326 राजीविका मनरेगा के विभिन्न पद हैं। अल्पसंख्यक विभाग में 5797 मदरसा पैरा टीचर्स के पद हैं। वहीं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में 44833 विभिन्न पदों के पद हैं।

कितने कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स नियमित होंगे ?

वर्तमान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कुल 44,833 संविदा कर्मी कार्यरत हैं, पैटर्न से केवल 850 कर्मचारी नियमित हो पाएंगे इससे उनमें रोष है। शिक्षा विभाग में करीब 41,000 में से 8000 संविदा कर्मी यानी एक तिहाई पैटर्न से स्थाई होगें। इस घटना से वर्तमान में 5,656 मदरसा पैराटीचर में से करीब 4800 नियमित होने से वंचित रहेंगे।

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