उत्तराखंड : G-20 बैठक के समानांतर आयोजित होगी तीन दिवसीय साइंस 20 की बैठक, जानिए किन मुद्दों पर होगी चर्चा

देश में आयोजित होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के अंतर्गत नैनीताल के रामनगर में तीन दिवसीय (28-29-30 मार्च) साइंस 20 की बैठक का आयोजना किया जायेगा। इस बैठक में जनहित के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।  समाजवादी लोक मंच ने इस कार्यक्रम की घोषणा की है।

इसके अलावा “जी-20 बैठक, विकास और जनहित का ढकोसला बंद करो” शीर्षक से पर्चा भी जारी किया है।

समाजवादी लोक मंच द्वारा कल, 25 मार्च को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया था।

वार्ता में मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने बताया कि 28 मार्च को रामनगर नगर पालिका सभागार में साइंस 20 के मुद्दे स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा तथा विज्ञान को समाज और संस्कृति से जोड़ने को लेकर विभिन्न संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता एवं नेता गोलमेज बैठक कर साझा बयान जारी करेंगे।

जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, दूसरे दिन 29 मार्च को जनकवि बल्ली सिंह चीमा की पुस्तक ‘जिंदा है तो दिल्ली आजा’ तथा नंदिता हकसर और अंजलि देशपांडे द्वारा लिखित पुस्तक ‘फैक्ट्री जापानी प्रतिरोध हिंदुस्तानी’ का विमोचन व प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के शहीद मंगल पांडे को याद करते हुए शाम 5:30 बजे से भगतसिंह चौक पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा।

वहीं, तीसरे दिन 30 मार्च को सभी देशवासियों को निःशुल्क व गुणवत्तापूर्ण इलाज की गारंटी, जी-20 सम्मेलन के नाम पर उजाड़े गए लोगों के पुनर्वास के लिए 100 करोड रुपए का बजट जारी करने, रोजगार को मौलिक अधिकार घोषित करने एवं दोहरी शिक्षा प्रणाली को समाप्त कर, सभी को समान शिक्षा देने आदि की मांगों को लेकर पुरानी तहसील पर जनसभा एवं रैली का आयोजन किया जाएगा।

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सौरभ इंसान ने कहा कि जी-20 मंच का इस्तेमाल अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन जैसे साम्राज्यवादी मुल्क दुनिया को लूटने के लिए करते हैं। यदि इनका उद्देश्य दुनिया में रोजगार पैदा करना होता तो फेसबुक और अमेजॉन जैसी कंपनियां छंटनी कर भारी संख्या में लोगों को बेरोजगार नहीं कर रहीं होती।

किसान नेता ललित उपरेती ने मंच द्वारा लिए गए 3 दिन के समानांतर कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि दुनिया में आ रही मंदी का समाधान जी 20 जैसे मंचों के पास नहीं है। इसका समाधान वैज्ञानिक समाजवाद के द्वारा ही संभव है। हमारे कार्यक्रम का उद्देश्य जी-20 जैसे मंच के पीछे छुपे लूट और शोषण से जनता को अवगत कराना है।

एआईकेएमएस के सदस्य धर्मपाल सिंह ने कहा कि देश के किसानों ने 13 महीने के आंदोलन से सरकार को कृषि बिल वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया था आज देश के लोगों को संगठित होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है।

उपपा के सदस्य प्रभात ध्यानी ने कहा कि विकास और स्वच्छता का सरकार जो प्रचार कर रही है धरातल पर वह कहीं भी नजर नहीं आ रही है, हम जी-20 का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि उसके समानांतर अपनी बातें रख रहे हैं।

इन्कलाबी मजदूर केंद्र (इमके) के सदस्य रोहित रुहेला ने कहा कि सरकार ने चार लेबर कोड लाकर देश के 39 श्रम कानूनों को खत्म कर दिया है। सरकार की निजीकरण की नीतियों के तहत एयर इंडिया से लेकर सभी सरकारी संस्थान निजी पूंजीपतियों को भेजे जा रहे हैं।

महिला एकता मंच की ललिता रावत ने बताया कि 3 दिनों के कार्यक्रम में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व दिल्ली एनसीआर के 2 दर्जन से अधिक प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

शनिवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में मनमोहन अग्रवाल, राजेंद्र सिंह, मुकेश जोशी, कौशल्या चुनियाल, सरस्वती जोशी दीपक सुयाल आदि मौजूद रहे।

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