UP में गोरखपुर से गाजियाबाद तक गन्ना किसानों का प्रदर्शन, भाकियू नेता को किया नज़रबंद

गन्ना किसानों की मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे उत्तर प्रदेश के विभिन्न किसान संगठनों को पुलिस प्रशासन ने आंदोलन करने से रोकने की कोशिश की। इसके अलावा जिला संभल में भाकियू असली के काय॔कत्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया।

उधर, भाकियू असली के अध्यक्ष चौ. हरपाल सिंह बिलारी को संभल स्थित आवास पर पुलिस ने एक दिन पहले से नजरबंद कर लिया।

दरअसल, आज (2 फ़रवरी) संयुक्त किसान मोचा॔ के आह्वान पर कई किसान संगठनों ने गन्ना क्षेत्र के जिलों में धरना प्रदर्शन कर चक्का जाम किया और अपनी मांगों का ज्ञापन डी सी को सौंपा।

संयुक्त किसान मोर्चा (भाकियू असली) के प्रवक्ता प्रबल प्रताप शाही ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कई जिलों में पुलिस ने किसान संगठनों को आंदोलन करने से रोकने की कोशिश की। इसके अलावा जिला संभल में भाकियू असली के काय॔कत्ताओ को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया।

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे गोंडा में भाकियू के काय॔कत्ताओं से पुलिस की झड़प भी हुई।

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अध्यक्ष को किया नज़र बंद

मिली जानकारी के मुताबिक भाकियू असली के अध्यक्ष चौ. हरपाल सिंह बिलारी को संभल स्थित आवास पर पुलिस ने बीती रात से नजरबंद कर रखा है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री ने घोषणा की थी कि 27 जनवरी 2023 तक गन्ना का मूल्य सरकार तय घोषित कर देगी। लेकिन आज तक गन्ना का मूल्य तय नहीं किया गया।

गन्ना किसानों का आरोप है कि यह गन्ना किसानों के साथ भेदभाव और सरकार की गन्ना उत्पादक किसानों की समस्याओं के प्रति उदासीनता को दर्शाता है।

उनका कहना है कि मिलों में गन्ने की पेराई शुरू हुए 3 महीने हो चुके हैं। किसान की पर्ची पर गन्ने की आपूर्ति के बाद मूल्य दर्ज नहीं हो रहा है।

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किसान संगठनों की मांग

संयुक्त किसान मोर्चा उत्तर प्रदेश के किसान संगठनों विरोध प्रदर्शन कर राज्य सरकर से मांग की है कि:-

  • उत्तर प्रदेश सरकार अभिलंब गन्ने के मूल्य 450 रुपया प्रति कुंतल की घोषणा करें।
  • उच्च न्यायालय के निर्णयानुसार पिछले वर्ष के गन्ने के बकाए का भुगतान ब्याज सहित सुनिश्चित करें ।
  • इस वर्ष किसानों के द्वारा मिलों को दिए गए गन्ने के बकाया का तत्काल भुगतान शुरू कराया जाए।
  • गन्ने से बनने वाले उप उत्पाद( By product) जैसे इथेनॉल, अल्कोहल, बिजली, बगासआदि के मुनाफे में गन्ना किसानों की हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाए।

गुरुवार, 2 फ़रवरी को हुए इस प्रदर्शन में भाकियू असली, अखिल भारतीय किसान सभा, भाकियू समाज, अखिल भारतीय किसान यूनियन, अखिल भारतीय किसान महासभा , भाकियू राष्ट्र शक्ति, भाकियू राष्ट्र वादी, भाकियू स्वराज सहित कई संगठनों ने प्रमुख रूप से भाग लिया।

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