एयर इंडिया को बेचने के बाद भी नहीं थमी सरकार, 4 सहायक कंपनियों के बेचने की तैयारी

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एयर इंडिया की बिक्री के बाद भी सरकार थमने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल  सरकार अब उससे जुड़ी सहायक कंपनियों और संपत्तियों को बेचने की तैयारी में है।

निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा है कि सरकार अब एयर इंडिया के बाद अलायंस एयर सहित उसकी चार अन्य सहायक कंपनियों और 14,700 करोड़ रुपये से अधिक की भूमि-भवन जैसी गैर-प्रमुख संपत्ति के मौद्रिकरण पर काम करेगी।

सरकार ने आठ अक्टूबर को घोषणा की थी कि टाटा संस ने  18,000 करोड़ रुपये में कर्ज से लदी राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली जीती है।

इसमें 2,700 करोड़ रुपये का नकद भुगतान और 15,300 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज शामिल है। इस सौदे के दिसंबर अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।

दीपम अब एयर इंडिया की सहायक कंपनियों के मौद्रिकरण के लिए एक योजना पर काम करेगा। ये सहायक कंपनिय भारत सरकार की एयर इंडिय ऍसेट होल्डिंग लिमिटेड के पास हैं। उन्होंने कहा, अनुषंगियों कंपनियों की बिक्री शुरू नहीं हो सकी क्योंकि ये सभी एक-दूसरे से जुड़ी हैं।

बता दें कि एयर इंडिया की चार अनुषंगी कंपनिया- एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड, एयरलाइन एलाइड सर्विसेज लिमिटेड, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड और होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया है।

एयर इंडिया की बिक्री के लिए सरकार ने 2019 में एयर इंडिया समूह के कर्ज और गैर-प्रमुख संपत्तियों को रखने के लिए एक विशेष उद्देश्यीय कंपनी एआईएएचएल का गठन किया था।

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