उत्तर प्रदेश के हाथरस व बलरामपुर गैंगरेप तथा देश में महिलाओं के साथ बढ़ रहे अपराधों के ख़िलाफ़ लोगों का गुस्सा नहीं थम रहा। योगी सरकार के मनमानेपन के ख़िलाफ़ पूरे देश में विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है।
उत्तराखंड में महिला सुरक्षा अभियान के तहत सुंदरखाल के प्राइमरी स्कूल से महिला एकता मंच से जुड़ी महिलाओं ने जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया।
महिला एकता मंच की संयोजिका ललिता रावत ने हाथरस की घटना की निंदा करते हुए कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देकर सत्ता में आने वाली बीजेपी के राज में हमारे देश की बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है जिससे अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश व प्रदेशों की सरकारें महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान देने में अक्षम साबित हो रही हैं इसलिए महिलाओं को अपनी सुरक्षा एवं सम्मान के लिए स्वयं ही आगे आना होगा तथा गाँव, शहर व मोहल्लो में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करना होगा।
उल्लेखनीय है कि दबाव बढ़ने पर योगी सरकार ने स्थानीय पुलिस प्रशासन के प्रमुख लोगों को निलंबित कर दिया है और सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। लेकिन परिजनों और आंदोलनकारियों को इस बात की नाराज़गी है कि जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से नहीं कराई जा रही है।
देखें वीडियो- Hathras Rape पीड़िता के शव को रातों रात पुलिस ने जलाया, पूरा घटनाक्रम
योगी सरकार ने इन आदेशों के साथ इस अपराध में किसी भी तरह से संबंधित लोगों के नार्को टेस्ट के साथ पीड़ित के परिजनों के नार्को टेस्ट के भी आदेश दे दिए हैं, जिसका विरोध बढ़ गया है और योगी सरकार ने गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर रखी है।
बढ़ते विरोध को दबाने के लिए योगी सरकार ने आंदोलनकारियों पर विदेशी साज़िश में शामिल होने के आरोप लगाए हैं और न्यूज़ चैनल भी यूपी सरकार की हां में हां मिला रहे हैं।
महिला एकता मंच की सरस्वती जोशी ने कहा कि कि महिला सुरक्षा अभियान के तहत महिला एकता मंच के द्वारा रामनगर शहर व मालधन में भी इसी तरह के जलूस-प्रदर्शन आयोजित किये जा चुके हैं तथा इसकी अगली कड़ी में 8 अक्टूबर को नई बस्ती, ग्राम पूछड़ी में भी महिला एकता मंच से जुड़ी महिलायें जुलूस व प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन करेंगी।
मंच से जुड़ी कौशल्या चुनियाल ने महिला विरोधी पितृसत्तात्मक रवैये के ख़िलाफ़ महिलाओं को एकजुट होने की अपील की है।
जुलूस व प्रदर्शन कार्यक्रम में नीमा, आशा, विमला देवी, गीता, कमला देवी, पुष्पा देवी, गौरा देवी, चंपा देवी, कौशल्या देवी, भगवती, तुलसी, प्रभात ध्यानी, इंद्रजीत, लोकेश कुमार, महेश जोशी, ललित उपरेती, किशन शर्मा, योगेश सती,दीवान कुमार प्रेम राम, मुनीष कुमार समेत बड़ी संख्या में, महिलाओं ने भागीदारी की।
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